नवादा पुलिस ने रीमा कुमारी हत्याकांड का खुलासा कर दिया है। इस हत्या मामले में पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिसमें मुख्य आरोपी रीमा का प्रेमी आशिक कुमार भी शामिल है।
.
DSP हुलास कुमार ने बताया, ’15 मई को नवादा के हिसुआ थाना क्षेत्र से एक 16 साल की लड़की रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी। कई दिनों तक खोजबीन के बाद पिता ने थक हारकर थाने में बेटी के लापता होने को लेकर केस दर्ज करवाई थी। काफी खोजबीन के बाद भी पुलिस लड़की को खोज नहीं पाई। 22 मई को हिसुआ थाना को जानकारी मिली कि एक युवती का शव बेंगलुरु के सूर्यनगर थाना के चांदपुरा रेलवे स्टेशन के बाहरी क्षेत्र में मिला है।’
‘शव एक ब्लू रंग की ट्रॉली में रखा हुआ था। इसके बाद हिसुआ थाने की पुलिस ने बेटी के लापता की शिकायत दर्ज कराने वाले परिजनों को थाने बुलाया। वीडियो और फोटो दिखाने पर पता चला कि यह वही लड़की थी, जो बीते 15 मई को कथित रूप से घर से लापता हो गई थीं। शव की पहचान करने के बाद परिजन हैरान हो गए।’
गिरफ्तार आरोपियों के साथ पुलिस।
हत्या कर शव को लगाया ठिकाना
बेंगलुरु पुलिस से मिली जानकारी से स्पष्ट था कि लड़की की मौत हो चुकी थी। अब यह हत्या थी या कुछ और इसकी जांच के लिए हिसुआ थाना की टीम परिजन के साथ बेंगलुरु रवाना हुई। वहां जाने के बाद बेंगलुरु पुलिस की मदद से कई साक्ष्य जुटाया गए और मामले की छानबीन की गई।
हिसुआ थाना के मुताबिक, घटना की छानबीन में पता चला कि लड़की की हत्या कर शव को ठिकाना लगाने का प्रयास किया गया था। इसमें 7 लोगों की संलिप्तता की बात सामने आई। इसमें मृतका का प्रेमी भी शामिल था। जांच में पता चला कि ‘लड़की की हत्या उसके प्रेमी ने ही की थी। बांकी के 6 दोस्तों ने शव को ठिकाने लगाने में मदद की थी।’

घटना के बारे में जानकारी देते मृतका के पिता।
घटना बेंगलुरु में ही अंजाम दिया गया। इसके बाद सभी आरोपी नवादा के हिसुआ थानाक्षेत्र में राहुल नगर में रह रहे थे। पुलिस को जैसे ही इसकी जानकारी मिली- सभी आरोपी गांव में है तो हिसुआ थानाध्यक्ष अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने घेराबंदी कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
7 आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा
गिरफ्तार आरोपियों में आशिक कुमार (लड़की का प्रेमी), उसके फूफा मुकेश कुमार, फुआ इंदु देवी, रंजीत रविदास का बेटे राजाराम रविदास, प्यारेचंद रविदास का बेटा राजू कुमार, सुनील रविदास का बेटा कालू रविदास और मोहन कुमार शामिल हैं।
सभी को बेंगलुरु के सूर्यनगर थाना से आए इंस्पेक्टर संजीव महाजन को सौंपा दिया गया है। अब आगे की जांच बेंगलुरु पुलिस करेगी।
हिसुआ थाने की पुलिस से पूछताछ में आरोपी प्रेमी ने बड़ा खुलासा किया। दरअसल, लड़की घर से लापता नहीं हुई थी। वह अपने प्रेमी के साथ भाग गई थी, जहां बेंगलुरु में प्रेमी अपने फूफा के घर में लड़की को रखे हुए था। पुलिस के मुताबिक, दोनों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद गुस्से में आकर उसने प्रेमिका की हत्या कर दी।
गर्दन की हड्डी टूटने से हुई मौत
‘पूछताछ में आरोपी प्रेमी ने बताया कि ’20 मई को उसके फूफा-फुआ ड्यूटी पर गए थे। घर खाली था, इसी दौरान उसने प्रेमिका की हत्या कर दी।’
‘पहले उसने अपनी प्रेमिका को फर्श पर पटक दिया और छाती पर बैठकर गला दबाते हुए सिर को जमीन पर कई बार पटका। जिससे उसके सिर में चोट लगने और गर्दन की हड्डी टूटने के कारण उसकी मौत हो गई।’
हत्या के बाद आशिक ने अपने दोस्तों को कमरे पर बुलाया। फिर दोस्तों को धमकी देते हुए कहा कि ‘कोई पूछे तो कहना कि लड़की ने आत्महत्या की है। अगर ऐसा नहीं कहोगे तो सबको फंसा दूंगा। इसके बाद जब फूफा काम से वापस आए को उन्होंने शव ठिकाना लगाने की सलाह दी।’
ट्रॉली में रखकर टैक्सी से लाश को लगाया ठिकाना
जिसके बाद शव को एक नीले रंग की ट्रॉली में रखा गया। फिर कैब बुक की गई, कैब में ट्रॉली रखकर सुनसान जगह ले जाया गया। कैब चालक को शक हुआ कि ये लोग सुनसान जगह क्यों आए हैं, लेकिन वह अपना किराया लेकर लौट गया। इसके बाद ट्रॉली को रेलवे लाइन के किनारे फेंक कर सभी फरार हो गए।
शव मिलने पर पुलिस ने छानबीन शुरू की। पुलिस जब घटनास्थल पर पहुंची तो हैरान रह गई। दरअसल, आशिक ने आत्महत्या का रूप देने के लिए खिड़की का शीशा तोड़ दिया था, लेकिन गलती ये उसने खिड़की को कमरे के अंदर से तोड़ा था। शीशा कमरे के बाहर की ओर गिरा था।
पुलिस को आशंका हुई कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या है। इसके बाद नवादा पुलिस की मदद से सभी 7 आरोपी को गिरफ्तार किया गया। सख्ती से पूछताछ में आरोपी प्रेमी ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया। बताया जा रहा है कि प्रेमी पहले से शादीशुदा है। उसके दो बच्चे भी हैं। संभवत: इसी कारण दोनों के बीच विवाद हुआ। इसके बाद प्रेमी ने बेरहमी से लड़की की हत्या कर दी।