What is the reason of Draupadi death: जब पुरानी कथाओं की बात आती है तो महाभारत का जिक्र जरूर होता है। महाभारत में कौरव और पांडवों के बीच युद्ध हुआ लेकिन इनके बीच में युद्ध का कारण द्रौपदी को बताया जाता है। क्या आप जानते हैं कि द्रौपदी का महाभारत युद्ध के बाद क्या हुआ था उनकी मृत्यु कैसे हुई थी और द्रौपदी पिछले जन्म में क्या थीं?
अगर नहीं, जानते तो आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि द्रौपदी पिछले जन्म में क्या थी और उनकी मृत्यु कैसे हुई? पढ़ते हैं आगे…
पहले जन्म में कौन थीं द्रौपदी?
द्रौपदी पहले जन्म में मुद्गल ऋषि की पत्नी थी। ऐसे में उनका नाम भी मुद्गली था। लेकिन मुद्गल द्रौपदी के पति की मृत्यु अल्पायु में ही हो गई थी। ऐसे में उन्होंने शिव की घोर तपस्या की। उनके तप से से शिव ने प्रसन्न होकर द्रौपदी से वर मांगने को कहा। तब द्रौपदी ने पांच बार शिव से कहा कि उन्हें सर्वगुण संपन्न पति की इच्छा है। तभी उन्हें अगले जन्म में पति के रूप में पांच पांडव मिले।
कैसे हुई द्रौपदी की मृत्यु?
जब महाभारत का युद्ध खत्म हुआ तो उसके बाद द्रौपदी और पांडवों ने एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ा। अंतिम यात्रा से पहले युधिष्ठिर ने परीक्षित को हस्तिनापुर का राजा बनाया और पांडव द्रौपदी और अपने कुत्ते के साथ अंतिम यात्रा पर निकल गए। बता दें कि पांडव और द्रौपदी को लेने के लिए इंद्र का रथ आया था लेकिन उस रथ पर कुत्ता नहीं जा सकता था इसलिए उन लोगों ने रथ को खाली भेज दिया और खुद पैदल यात्रा शुरू कर दी।
ऐसे में वह हिमालय के जरिए स्वर्ग की और चल दिए। शुरुआत में दक्षिण के समुद्र तट पहुंचे फिर ऋषिकेश और फिर हिमालय की ओर चले। ऐसे में द्रौपदी बीच में ही गिर गई और मर गई। जब कारण पूछा गया तो युधिष्ठर ने बताया कि द्रौपदी भले ही हम पांच पांडवों की पत्नी थी लेकिन उन्होंने अपना धर्म पूरा नहीं किया उनके मन में हमेशा से अर्जुन के लिए ज्यादा प्रेम रहा है। ऐसे में उन्हें कुछ समय के लिए नर्क में जाना पड़ेगा। यही कारण है कि वह स्वर्ग की यात्रा भी पूरी नहीं कर पाई।
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