अपने घर से पांच दिन से लापता 29 साल के युवक का शव उसी के खेत से सोमवार दोपहर मिला। युवक के लापता होने के पूर्व उसके साथ 6 हजार रुपए का साइबर फ्रॉड हुआ था। लापता होने पर परिजनों ने थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। परिजन लगातार उसे तलाश रहे थे।
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जिले के बड़ोदिया निवासी विनोद (29) मकवाना 21 जनवरी की शाम करीब 7.30 बजे घर पर मोबाइल चार्जिंग लगाकर खेत पर जाने का बोलकर निकला था। अगले दिन सुबह तक वह घर नहीं लौटा। पिता रणजीत खेत पहुंचे। खेत पर विनोद नहीं मिला। पिता ने स्टेशन रोड थाना अंतर्गत सालाखेड़ी पुलिस चौकी पर विनोद की गुमशुदगी दर्ज कराई। तब से परिजन विनोद को तलाश कर रहे थे।
27 जनवरी की दोपहर 12 बजे गांव से बाहर उसी के खेत में विनोद का शव मिला। सूचना मिलने सालाखेड़ी चौकी प्रभारी मुकेश यादव व पुलिस बल पहुंचा। पंचनामा बनाकर शव पीएम के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा। मौत का कारण सामने नहीं आया है।
सालाखेड़ी चौकी प्रभारी मुकेश यादव ने बताया कि पीएम रिपोर्ट से आने के बाद ही वास्तविकता का पता चलेगा कि आखिर मौत कैसे हुई। प्राथमिक जांच में लहसुन के खेत में छिड़कने वाली कीटनाशक की डिब्बी नहीं मिली है। आशंका है कि कीटनाशक पीया होगा। फिलहाल पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच में जुट गई है।
मोबाइल पर 6 हजार रुपए किए थे सेंड
जब विनोद लापता हुआ था तब उसके पिता ने पुलिस को बताया था कि 21 जनवरी की दोपहर एक अनजान नंबर से विनोद के मोबाइल पर फोन आया था। पुलिस ने मोबाइल की कॉल हिस्ट्री निकाली। पता चला कि उक्त नंबर से मोबाइल पर आए क्यूआर कोड पर विनोद ने लापता होने के पहले 6 हजार रुपए सेंड किए थे। संबंधित नंबर पर पुलिस ने चर्चा की तो सामने वाले ने बताया कि वह पश्चिम बंगाल के हावड़ा शहर से बोल रहा है।
जब पुलिस ने पूछा कि उसके द्वारा जो क्यूआर कोड भेजकर विनोद से रुपए मंगवाए हैं वह किस बात के हैं। इस पर संबंधित व्यक्ति ने बताया कि विनोद पहले हावड़ा (पश्चिम बंगाल) में कबाड़ बिनने का काम करता था। उसे 5 हजार रुपए उधार दिए थे। ब्याज समेत विनोद ने उसे 6 हजार रुपए वापस लौटाए हैं।
हालांकि यह कहानी लापता युवक विनोद के पिता रणजीत और परिजन को गले नहीं उतरी। पिता रणजीत ने बताया कि उसका बेटा विनोद कभी रतलाम में काम पर नहीं आया तो पश्चिम बंगाल कैसे जा सकता है।