Champions Trophy 2025: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 को लेकर फंसा पेंच अभी तक सुलझा नहीं है। अब ये टूर्नामेंट केवल तीन महीने दूर है, लेकिन अभी तक ये साफ नहीं है कि चैंपियंस ट्रॉफी आखिर होगी कहां। वैसे तो आईसीसी ने इसकी मेजबानी पाकिस्तान को दी है, लेकिन बीसीसीआई ने टीम इंडिया को वहां भेजने से साफ इन्कार कर दिया है। ये एक सुरक्षा से जुड़ा मामला है, जिसको लेकर किसी भी सूरत में समझौता नहीं किया जा सकता। अब जरा समझने की कोशिश करते हैं कि चैंपियंस ट्रॉफी को लेकर आने वाले वक्त में हो क्या सकता है। अगर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड यानी पीसीबी अपने रुख पर अड़ा रहा तो उसे इतना ज्यादा नुकसान होगा कि इससे उबरने में उसे सालों का वक्त लग जाएगा। अगर कहा जाए कि अपने अड़ियल रुख के कारण पाकिस्तान बर्बाद भी हो सकता है तो कोई बड़ी बात नहीं होगी।
पाकिस्तान के लिए सबसे सरल रास्ता यही है कि वो हाइब्रिड मॉडल पर तैयार हो जाए। चैंपियंस ट्रॉफी में कुल 15 मुकाबले खेले जाएंगे, इसमें से पांच मैच किसी ऐसे स्थान पर कराए जाएं, जहां भारतीय टीम अपने मुकाबले खेल सके। लेकिन अभी तक पीसीबी इस पर तैयार नहीं हो रहा है। अभी तक तो यही सुनने में आ रहा है, बाद में तस्वीर बदल जाए तो बात अलग है। माना जा रहा है कि आखिर में यही होगा। अभी पाकिस्तान केवल नाटक कर रहा है, इसके सिवा और कुछ भी नहीं। दूसरा विकल्प ये बचता है कि पूरे टूर्नामेंट को किसी दूसरी जगह ट्रांसफर कर दिया जाए। यानी पाकिस्तान में कोई भी मैच ना हो, किसी दूसरे देश में पूरा टूर्नामेंट कराया जाए, जहां सभी देश खेलने के लिए तैयार हों। इस पर विचार तो किया जा रहा है, लेकिन पीसीबी इसे भी मानने के लिए तैयार नहीं है। तीसरा और आखिरी विकल्प ये है कि चैंपियंस ट्रॉफी को रद ही कर दिया जाए, यानी पूरा टूर्नामेंट हो ही नहीं।
पाकिस्तान ने किया चैंपियंस ट्रॉफी का बहिष्कार तो होगा भयंकर नुकसान
इस बीच कुछ खबरें इस तरह की भी आ रही है कि अगर पीसीबी के मन की बात नहीं होती है तो पाकिस्तान इस टूर्नामेंट से अपना नाम वापस ले सकता है, यानी पूरी तरह से इस टूर्नामेंट का बहिष्कार किया जाएगा। वैसे तो ये मुश्किल है, लेकिन अगर ऐसा होता है तो फिर पाकिस्तान को बहुत ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा। पीसीबी को आईसीसी के कई प्रतिबंधों यानी बैन का सामना करना पड़ सकता है। आईसीसी की ओर से पीसीबी को जो फंडिंग की जाती है, वो भी रोकी जा सकती है। इतना ही नहीं, टूर्नामेंट कराने के लिए पीसीबी को जो करीब 65 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मदद मिलेगी, वो भी नहीं दी जाएगी। पाकिस्तान के लिए ये बहुत बड़ी रकम है और आज जो हालात वहां पर हैं, नहीं लगता कि पाकिस्तान इसे बर्दाश्त कर पाएगा।
पाकिस्तान के तीन स्टेडियम भी रह जाएंगे तैयार, नहीं मिलेगा पैसा
इतना ही नहीं पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की ओर से अपने तीन स्टेडियम को नए सिरे से तैयार किया जा रहा है। इसमें कराची, रावलपिंडी और लाहौर के नाम शामिल हैं। अब तक इन स्टेडियम को लेकर काफी पैसा खर्च किया जा चुका है। अगर पाकिस्तान चैंपियंस ट्रॉफी से अलग होता है तो फिर उसकी ओर से किया गया ये खर्च भी बेकार ही जाएगा। यानी पीसीबी इस वक्त बहुत बुरा फंसा हुआ है और उसकी कोशिश होगी कि बीच का रास्ता निकाला जाए। ताकि उसकी इज्जत भी बची रहे और मामला भी सुलट जाए। लेकिन अभी पीसीबी के केवल बातें कर रहा है। उससे ज्यादा कुछ भी नहीं। हालांकि जब तक आईसीसी की ओर से इस पूरे मसले पर कोई आखिरी फैसला नहीं ले लिया जाता, तब तक कुछ भी कहना ठीक नहीं है। उम्मीद है कि आने वाले एक से दो सप्ताह के भीतर इसको लेकर आखिरी निर्णय ले लिया जाएगा।
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