Tuesday, June 24, 2025
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पाक आर्मी चीफ मुनीर का जालंधर कनेक्शन: काजी मोहल्ले में रहता था परिवार; पूर्व मंत्री कालिया का दावा- पुश्तें हिन्दू धर्म से थीं – Jalandhar News


काजी मोहल्ले का घर, जहां कभी असीम मुनीर का परिवार रहता था।

पाकिस्तान के आर्मी मार्शल चीफ जनरल असीम मुनीर, जो इन दिनों भारत विरोधी बयानों और आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के चलते चर्चा में हैं, उनका पारिवारिक इतिहास भारत के पंजाब से जुड़ा हुआ है। असीम मुनीर का परिवार 1947 में देश के बंटवारे से पहले जालंधर के

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भाजपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोरंजन कालिया ने कहा कि पाकिस्तान की नींव ही भारत विरोधी सोच पर रखी गई थी और असीम मुनीर उसी सोच का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने दावा किया कि मुनीर की कई पुश्तें हिन्दू धर्म से थीं और बाद में इस्लाम में कन्वर्ट हुई थीं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मुनीर की भूमिका कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में हो सकती है।

काजी मोहल्ले का घर, जहां कभी असीम मुनीर का परिवार रहता था।

कई मोहल्ले मुस्लिम समुदाय को समर्पित

पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया ने कहा कि आजादी के बाद एक भारत और दूसरा पाकिस्तान देश बना था। पंजाब का जालंधर शहर के इलाके तकरीबन मुस्लिम लोग रहते थे। काजी मोहल्ला, अली मोहल्ला, चाहार बाघ इस्लामाबाद जैसे मुहल्ले सभी इलाके मुस्लिम समुदाय के थे। असीम मुरीन का परिवार काजी मोहल्ला में रहता था।

कालिया ने कहा कि कई लोग मुस्लिम समुदाय में कन्वर्ट हो गए। यह लोग बाहर से नहीं आए थे। उनकी 8 से 10 पुश्तें हिन्दू धर्म से ही हैं। कालिया ने यहां तक कहा कि असीम मुनीर की पुश्ते भी हिन्दू धर्म से ही थी।

भाजपा के पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया।

भाजपा के पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया।

काजी मोहल्ला मुस्लिम समुदाय का हिस्सा था

जालंधर के वरिष्ठ नागरिकों और स्थानीय निवासियों के अनुसार, 1947 से पहले शहर में करीब 85 प्रतिशत मुस्लिम आबादी रहती थी, जिनमें से अधिकांश ने बंटवारे के बाद पाकिस्तान का रुख किया। काजी मोहल्ला निवासी 79 वर्षीय हरप्रीत सिंह का कहना है कि काजी मोहल्ला मुस्लिम समुदाय का मुख्य केंद्र था और असीम मुनीर का परिवार भी यहीं से पाकिस्तान गया था।

काजी मोहल्ले में केमिस्ट अनिल खेड़ा, जिनके पूर्वजों ने 1894 में पंजाब में पहली केमिस्ट की दुकान खोली थी, बताते हैं कि पुराने बाजार में मुस्लिम समुदाय के लोग टांगा चलाते थे और सब्जी की दुकानें चलाते थे। उन्होंने बताया कि उनके बुजुर्गों से सुना है कि काजी मोहल्ला पूरी तरह मुस्लिम क्षेत्र था और विभाजन के दौरान पूरा इलाका खाली हो गया।

जामा मस्जिद जालंधर में नमाज पढ़ते हुए मुसलमान समुदाय के लोग।

जामा मस्जिद जालंधर में नमाज पढ़ते हुए मुसलमान समुदाय के लोग।

जालंधर में 85 फीसदी थे मुसलमान

जालंधर की जामा मस्जिद के गद्दी नशीन (सज्जादा नशीन) सैयद नासिर उदीन पीरजादा ने कहा कि जामा मस्जिद में सभी मुस्लिम लोग नमाज पढ़ने यहां आते थे। जालंधर में 85 प्रतिशत मुसलमान थे और 12 बस्तियां भी मुस्लिम समुदाय की थी। 1947 के पार्टीशन के बाद तकरीबन मुस्लिम समुदाय के लोग परिवार सहित पाकिस्तान चले गए थे।

बहुत से पॉलिटीशियन,लेखक अच्छे परिवार पाकिस्तान चले गए थे। असीम मुनीर को लेकर कहा कि यह राजनीतिक मामला है इसके बारे में कुछ नहीं बोल सकते क्योंकि वह गद्दी नशीन है। असीम मुनीर और उसके परिवार को लेकर कहा कि वह कब आए या कब नहीं आए इसके बारे में वह नहीं जानते है।



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