Saturday, June 7, 2025
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पानीपत का किसान बिजेंद्र हत्याकांड: सफदरगंज से पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिलने का इंतजार; एसपी बोलें- दोषी बख्शा नहीं जाएगा – Panipat News


मृतक किसान बिजेंद्र की फाइल फोटो।

पानीपत के निजामपुर गांव में कंपनी के कर्मचारियों द्वारा जमीनी विवाद में किसान बिजेंद्र को जिंदा जलाकर मारने का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है। एक ओर जहां प्रदेश के विपक्षी दल मृतक परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पुलिस भी कार्

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शनिवार को एसपी भूपेंद्र सिंह ने कहा कि सफदरगंज अस्पताल से पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिलने का इंतजार है। रिपोर्ट के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, फोरेंसिक की जांच रिपोर्ट समेत अन्य साक्ष्य रिपोर्ट मिल चुकी है। सभी को एक ही धागे में पिरोह कर जांच को तेज किया जाएगा।

तहसील से भी किया जाएगा रिकॉर्ड तलब: एसपी वहीं, एसपी ने कहा कि दोषी कोई भी हो बख्शा नहीं जाएगा। निष्पक्ष जांच होगी। एसपी ने कहा स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम मामले की जांच करेगी। जिसमें डीएसपी करेंगे नेतृत्व और सीआईए इंस्पेक्टर, संबंधित थाने के एसएचओ भी होंगे। एफआईआर दर्ज करने में कोई देरी नहीं हुई है।

एसपी ने कहा कि, बयान लेते ही तुरंत मामला दर्ज कर लिया गया। घटना के तुरंत बाद पुलिस ही एम्बुलेंस और एक पुलिस की गाड़ी किसान को अपोलो अस्पताल दिल्ली लेकर पहुंची, ताकि जान बचाई जा सके। विवादित जमीन से जुड़ा सारा रिकॉर्ड तहसील से लेकर पुलिस अध्ययन करेगी।

पानीपत के खेत में मौत से पहले जलने से तड़पता बिजेंद्र। इनसेट में मृतक की फाइल फोटो।

किसान के बेटे की जुबानी जानिए पूरा मामला…

गांव में पुराने खेत, रजिस्ट्री भी उनके नाम

मृतक किसान की पहचान बिजेंद्र संधू (55) निवासी निजामपुर के रूप में हुई है। उसके बेटे रोहित ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि उनके गांव निजामपुर में पुराने खेत हैं। साल 1996 में उसके पिता ने परिवार के ही नफे सिंह के बड़े भाई से यह जमीन खरीदी थी। इसकी रजिस्ट्री और अन्य सभी दस्तावेज भी उसके पिता के नाम पर हैं।

मरने से पहले एम्बुलेंस में बिजेंद्र ने आपबीती बताई थी।

मरने से पहले एम्बुलेंस में बिजेंद्र ने आपबीती बताई थी।

तहसीलदार ने 2 एकड़ जमीन बिल्डर के नाम दिखाई

रोहित ने बताया कि गांव की इस जमीन पर उसके पिता करीब 28 साल से खेती करते आ रहे थे। आरोप है कि साल 2024 में सांठ-गांठ कर तहसीलदार ने मौके की निशानदेही की और फ्रंट की 2 एकड़ जमीन ट्राइडेंट पार्क कंपनी के नाम दिखा दी, जबकि पिछले हिस्से का मालिक उसके पिता को बताया। इतना ही नहीं 6 माह के भीतर प्रशासन और पुलिस ने निशानदेही के आधार पर जमीन को कंपनी के नाम कर कब्जा दिलवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी।

पिता ने हाईकोर्ट की शरण ली, पुलिस ने कब्जा रोका

रोहित ने आगे बताया कि उसके पिता बिजेंद्र ने पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट की शरण ली, जहां मामला विचाराधीन है। आरोप है कि मामला कोर्ट में विचाराधीन होने के बावजूद भी कंपनी के कर्मचारी उसके पिता को परेशान कर रहे थे। पुलिस और प्रशासन के लोगों ने भी उनकी कोई सुनवाई नहीं की।

रविवार को खेत पर बना कमरा गिराया

रोहित ने आगे बताया कि उसके पिता बिजेंद्र संधू खेत को लेकर कानूनी लड़ाई अंत तक लड़ने का पूरा मन बना चुके थे। इसी वजह से हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की थी। इसके बाद कंपनी के लोगों ने रविवार (1 जून 2025) को उनके खेत पर बने ट्यूबवेल के कमरे को गिरा दिया। पिता ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंची और कंपनी के लोगों को यहां कब्जा लेने के बारे में फिलहाल रोकने को कहा था। इस मामले की लिखित शिकायत पुलिस को भी दी गई थी।

सोमवार की शाम को काट दिए बिजली के तार

बिजेंद्र के रिश्तेदार नफे सिंह ने बताया कि सोमवार शाम करीब 5 बजे बिजेंद्र अपने खेत में काम कर रहा था। उसे मैंने कहा था कि कंपनी के लोगों ने खेतों की बिजली के तार काट दिए हैं, इसकी वह SDO कार्यालय में जाकर शिकायत दर्ज करवा आए। इस पर बिजेंद्र ने कहा था कि खेत का काम निपटा कर एसडीओ कार्यालय में शिकायत देने जाऊंगा।

रात में कब्जे का फिर किया प्रयास

रोहित ने आगे बताया कि सोमवार की शाम 5 बजे वह दुकान पर बैठा था। इसी दौरान उसके पिता बिजेंद्र का फोन आया कि कंपनी के लोगों ने ट्यूबवेल भी उखाड़ दिया है। वह रोकने का प्रयास कर रहा है तो उसके साथ झगड़ा कर रहे हैं। तुम पुलिस को लेकर आ जाओ। रोहित के मुताबिक, पिता के फोन के बाद उसने पुलिस को सूचना दी और परिवार के लोगों के साथ खेत की तरफ दौड़ा।

मारपीट कर पिता को जला दिया

रोहित ने बताया कि पिता का फोन आने के बाद वह तुरंत परिवार के लोगों के साथ खेत पर पहुंचा। आरोप है कि वहां कंपनी के लोग उसके पिता के साथ मारपीट कर रहे थे। जब तक वह मौके पर पहुंचता, कंपनी के लोग उसके पिता पर तेल डालकर और फिर आग लगा कर भाग गए थे। उसने बमुश्किल आग को बुझाया, लेकिन तब तक पिता बुरी तरह झुलस चुके थे।

अस्पताल लेकर पहुंचा, दम तोड़ा

रोहित के मुताबिक, वह तुरंत पिता को लेकर पानीपत अस्पताल पहुंचा, जहां से गंभीर हालत में उन्हें हायर सेंटर ले जाने की सलाह दी। वह पिता को दिल्ली के अस्पताल में ले गया, जहां उनकी उपचार के दौरान मौत हो गई। मौत से पहले पिता ने भी बयान दिया, जिसमें उन्होंने कंपनी के लोगों पर आग लगाने का आरोप लगाया।

दो नामजद पर हुआ केस दर्ज

इस बारे में सेक्टर 13-17 थाना प्रभारी इंसपेक्टर राकेश कुमार ने बताया कि मृतक के बेटे रोहित ने शिकायत दी है कि उसका ट्राइडेंट पार्क कंपनी के साथ हाईकोर्ट में जमीन व ट्यूबवैल का केस चला हुआ है। 2 जून को कंपनी के कर्मचारी रवि और रजन ने उनके ट्यूबवैल के कमरे व बोर को तहस-नहस कर दिया। रात करीब साढ़े 8 बजे उसके पिता बिजेंद्र खेत में गए थे। उसे शक है कि उसके पिता को कंपनी के कर्मचारियों ने जलाकर मार डाला। इसी आधार पर दो कर्मचारियों पर केस दर्ज कर लिया गया है।



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