पान विक्रेता अनिल यादव द्वारा शुरू किया गया ‘लाडो अभियान’ शिकागो और लंदन तक पहुंचा।
बैतूल के समाजसेवी अनिल नारायण यादव का लाडो अभियान अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, डिजिटल इंडिया और स्वच्छ भारत अभियान के उद्देश्यों को समर्पित यह पहल देश के 28 राज्यों से होते हुए अब अमेरिका के शिकागो तक पहुंच च
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बेटी के जन्मदिन से की शुरुआत
अनिल यादव ने बताया कि 8 नवंबर 2015 को अपनी बेटी आयुषी यादव के जन्मदिन से इस अभियान की शुरुआत की थी। हाल ही में अभियान के तहत बैतूल के निवासी अनूप वर्मा और अजय पवार के माध्यम से यह नेम प्लेट शिकागो पहुंची। उनका यह अभियान बेटियों केआत्मसम्मान और घर-घर में उनकी पहचान को लेकर समर्पित है।
अभियान का उद्देश्य बेटियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण और नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है।
28 राज्यों के 3600 घरों में लगाई नेम प्लेट
अनिल यादव ने बताया कि उन्होंने इस योजना को न केवल बैतूल बल्कि देश के कोने-कोने तक पहुंचाने का काम किया है। अब तक 28 राज्यों में 3600 घरों में बेटियों के नाम की नेम प्लेट लगाई जा चुकी है।

अब घरों में बेटियों के नाम की नेम प्लेट लगाई जा रही है।
लाडो फाउंडेशन ने बेटियों के नाम से घर की पहचान कर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का काम किया है। इस पहल से बेटियों के मान-सम्मान में वृद्धि हुई है। समाज को बेटियों के प्रति प्रेरणादायक संदेश मिला है।
अनिल यादव ने बताया कि वह एक पान की दुकान चलाते हैं। उन्होंने अपनी मेहनत और समर्पण से इस अभियान को नई ऊंचाई पर पहुंचाया है। उनका यह अभियान अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुका है और दुनिया के सामने बेटियों के प्रति भारतीय समाज के दृष्टिकोण को बदलने की अनूठी मिसाल पेश कर रहा है।