मंगलवार सुबह राजवीर की बॉडी शास्त्री नगर पहुंची तो सभी के आंसू छलक पड़े।
केदारनाथ हेलिकॉप्टर क्रैश के शिकार पायलट राजवीर सिंह की पार्थिव देह मंगलवार सुबह करीब 7 बजे जयपुर में उनके घर पहुंची। परिवार के छोटे बेटे की बॉडी देखकर परिवार वाले बिलख पड़े।
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राजवीर को थोड़ी देर में अंतिम संस्कार चांदपोल मोक्ष धाम में किया जाएगा। इससे पहले सोमवार को रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड) में डीएनए टेस्ट के बाद उनके बड़े भाई चंद्रवीर को बॉडी सौंपी गई थी।
हालांकि, डीएनए टेस्ट से पहले ही चंद्रवीर सिंह ने अंगूठी-घड़ी से भाई के शव को पहचान लिया था। दरअसल, गौरीकुंड में रविवार (15 जून) को हुए हादसे में पायलट राजवीर सिंह (37) सहित 7 लोगों की मौत हो गई थी।
छोटे बेटे की बॉडी को देखकर परिवार वाले बिलख पड़े। घर की महिलाएं एक-दूसरे के गले लगकर रोने लगीं।

सेना में रहते हुए राजवीर सिंह ने कई रेस्क्यू ऑपरेशन से लेकर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई थी।
टीम को लीड कर रहे थे राजवीर
राजवीर आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल भी रहे थे। रिटायर्ड होने के बाद से वे एक प्राइवेट एविएशन कंपनी के लिए हेलिकॉप्टर फ्लाइंग कर रहे थे। सिंह करीब 4 महीने पहले ही जुड़वां बेटों के पिता बने थे।
चंद्रवीर ने बताया कि मेरे भाई राजवीर सबसे आगे वाला हेलीकॉप्टर उड़ा रहे थे। केदारनाथ से लौटने के दौरान वह 9 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहे थे और मौसम खराब था।
राजवीर के अनुभव को देखते हुए ही वह पूरी टीम को लीड कर रहे थे।उन्होंने बताया कि राजवीर ने दूसरे हेलीकॉप्टर के पायलट को खराब मौसम के बारे में अपडेट दी थी, क्योंकि वे सबसे आगे थे। इसके बाद सुबह करीब 5.20 मिनट पर उनका हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया।
15 जून को हुए हादसे से जुड़े PHOTOS…


जानकारी के अनुसार गौरीकुंड के जंगल में जहां एक्सीडेंट हुआ वो काफी दुर्गम एरिया था। इसलिए रेस्क्यू करने में काफी परेशानी भी हुई।
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