झारखंड के चाकुलिया में पिछले 9 दिनों से बाघिन की मौजूदगी ने जंगल के आसपास रह रहे ग्रामीणों में खौफ पैदा कर दिया है। वहीं, ग्रामीणों ने दावा किया कि शनिवार रात को सूखाबांध की दिशा से बाघिन की तीन बार दहाड़ने की आवाज सुनाई दी। रविवार सुबह माचाडीहा
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ट्रैकर टीम ने भी जिस स्थान पर रुककर बाघिन को ट्रैक किया था, वहां इन निशानों की पुष्टि की। वन विभाग का कहना है कि ये पंजे कुत्तों के पंजों से काफी बड़े हैं, जो बाघिन की मौजूदगी का संकेत देते हैं। वहीं, उसे पकड़ने के लिए पिंजरा लगा दिया गया है पर बाघिन उसके पास तक नहीं पहुंच रही है।
वन विभाग अब तक रेस्क्यू नहीं कर पाया
ओडिशा के सिमलीपाल वन अभयारण्य से भटककर चाकुलिया वन क्षेत्र में विचरण कर रही बाघिन जिन्नात का वन विभाग अब तक रेस्क्यू नहीं कर पाया है। झारखंड के अलावे ओडिशा के वन विभाग के अधिकारी भी बाघिन का रेस्क्यू करने में जुटे हैं। लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल रही है। बाघिन पिछले 9 दिनों से चाकुलिया के राजाबासा जंगल में डेरा जमाए हुए है।
वन विभाग की टीम को बाघिन के पंजे के निशान मिले हैं।
इधर, शाम ढलते ग्रामीण अपने घरों में दुबक जा रहे हैं। खेती भी प्रभावित हो रही है और बच्चों का स्कूल भी छूट रहा है। ग्रामीणों के अनुसार, गांव में उन्हें शाम के समय घरों से नहीं निकलने की हिदायत दी गई है।
बाघिन के गले में ट्रैकर लगा हुआ है
बाघिन सिमलीपाल वन अभ्यारण्य से भटकी है। वहां से पहले वह गुड़ाबांदा वन क्षेत्र में घुसी। हाइवे पार करते हुए वह चाकुलिया वन क्षेत्र में प्रवेश कर गई। चाकुलिया वन क्षेत्र में बाघिन करीब 9 दिन से जमी हुई है। बाघिन के इलाके में आने के बाद ग्रामीणों में अब हाथियों के बाद बाघिन का खौफ देखा जा रहा है। बाघिन के गले में ट्रैकर लगा हुआ है, जिसके कारण वन विभाग उसे ट्रेस तो कर रहा है लेकिन उसे पकड़ने में विभाग को सफलता अब तक नहीं मिली है।
चारा का नहीं किया शिकार, लोकेशन दिख रहा गोदराशोल शनिवार रात बाघिन के लिए लगाए गए चारे को उसने नहीं छुआ। इसके बजाय बाघिन शाम के समय गोदराशोल की ओर निकल गई। वन विभाग ने रविवार को बाघिन की लोकेशन गोदराशोल क्षेत्र में पाया और सुनसुनिया से उसकी लगातार निगरानी की जा रही है।

वन विभाग ने ग्रामीणों से सतर्क रहने और जंगल में अकेले न जाने की अपील की है।
जंगली हाथियों का भी आतंक इस बीच, इस इलाके में जंगली हाथियों का दल भी पहुंच चुका है, जिससे ग्रामीणों की चिंता और बढ़ गई है। वन विभाग इन जानवरों की गतिविधियों पर भी नजर बनाए हुए हैं। वनकर्मी तीन शिफ्ट में ड्यूटी कर उस पर नजर गड़ाए हुए है। अभी तक पकड़ने में नाकाम रहे हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि बाघिन के डर से खेती भी प्रभावित हो रही है और बच्चों का स्कूल भी छूट रहा है।
ग्रामीणों से सतर्कता की अपील वन विभाग ने ग्रामीणों से सतर्क रहने और जंगल में अकेले न जाने की अपील की है। साथ ही, स्थानीय लोगों को किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत विभाग को देने को कहा गया है। राजाबासा जंगल मेडेरा डाले बाघिन जिन्नात के दहाड़ने की आवाज शनिवार की रात को तीन बार सुनने का ग्रामीण दावा कर रहे हैं।

ओडिसा के वाइल्ड लाइफ सेंचुरी से एक बाघिन जमशेदपुर वन प्रमंडल की चाकुलिया पहुंच चुकी है, जिसे लगातार जीपीएस ट्रैकर की माध्यम से ट्रैक किया जा रहा है। ओडिसा से भी वन विभाग की पूरी टीम चाकुलिया पहुंच चुकी है। जल्द ही बाघिन को ट्रेस कर वापस ओडिसा भेजा जाएगा। -शबा आलम, डीएमओ, जमशेदपुर