हरदा में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत कई लाभार्थी अपना मकान अधूरा छोड़ने को मजबूर हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार की आर से दी जाने वाली 1.20 लाख रुपए की राशि अब मकान की नींव से छत तक भी नहीं पहुंच पा रही।
.
ग्रामीणों ने बताया कि निर्माण सामग्री के दाम तेजी से बढ़ गए हैं। पहले जहां लोहे का रेट 4600 रुपए क्विंटल था, अब वह 6000 रुपए हो गया है। रेत की ट्रॉली 1500 से बढ़कर 3500 रुपए, ईंटें 4000 से बढ़कर 13,000 रुपए (2000 ईंटों के लिए) और सीमेंट-गिट्टी भी महंगी हो गई है। ग्रामीण बोले कि इतने पैसे में तो अब छत भी नहीं बनती। हम अपनी जेब से भी पैसे लगा रहे हैं, फिर भी काम अधूरा पड़ा है।
ग्रामीण हितग्राहियों का कहना है कि जो भी मटेरियल होता है, वह शहर से खरीदना पड़ता है। ऐसे में ट्रांसपोर्ट खर्च भी जुड़ जाता है। इससे कुल लागत और बढ़ जाती है। एक हितग्राही ने बताया कि सरकार सिर्फ 1.20 लाख रुपए देती है। इस राशि में अब सिर्फ नींव भर बन पाती है। मकान पूरा करना बहुत मुश्किल हो गया है।
पीएम आवास योजना के कई लाभार्थी अपना मकान अधूरा छोड़ने को मजबूर।
हरदा में 15,083 मकान अधूरे, 2024-25 में सिर्फ 852 पूर्ण
जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार जिले में कुल 34,582 पीएम आवास स्वीकृत हुए हैं, जिनमें से 15,083 अब भी अधूरे हैं।
2016 से 2022 तक में कुल 19,600 पीएम आवास स्वीकृत, इनमें से 18,645 पूरे हुए। 2024-25 में 14,980 पीएम आवास का आवंटन हुआ, लेकिन अब तक सिर्फ 852 मकान पूरे हो पाए हैं। 11,250 हितग्राहियों को ही किश्त की राशि जारी हुई है। 38 हजार नए परिवार जुड़े, लेकिन पैसा नहीं पहुंचा
1 फरवरी से 15 मई 2025 के बीच जिले में 38,814 नए परिवारों को पीएम आवास योजना में जोड़ा गया है। लेकिन पुराने लाभार्थियों की समस्याएं अभी तक हल नहीं हुई हैं।