पीएम मोदी को ‘पुष्पक’ कलाकृति भेंट करते सीएम डॉ. यादव।
बैतूल की प्राचीन जनजातीय कला को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिला है। भोपाल के जंबूरी मैदान में लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जन्म जयंती पर आयोजित महिला सशक्तिकरण सम्मेलन में सीएम मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बैतूल की भरेवा धातु शिल्प स
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बता दें कि, भरेवा धातु शिल्प, जिसे ढोकरा शिल्प भी कहा जाता है, बैतूल के टिगरिया गांव में पीढ़ियों से विकसित हो रही है। यह कला मोम ढलाई तकनीक पर आधारित है। इसमें मधुमक्खी के छत्ते से प्राप्त मोम से मूर्ति बनाई जाती है। फिर उस पर मिट्टी की परत चढ़ाकर आग में तपाया जाता है। अंत में पिघली हुई पीतल धातु से कलाकृति तैयार की जाती है।
भोपाल के जंबूरी मैदान में आयोजित पीएम के कार्यक्रम में बलदेव वाघमारे।
कला से जुड़े गांव के 50 परिवार
टिगरिया गांव को अब क्राफ्ट विलेज के रूप में जाना जाता है। यहां के प्रसिद्ध कलाकार बलदेव वाघमारे और उनका परिवार इस विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। वे 200 से अधिक कारीगरों के साथ काम कर रहे हैं। गांव के करीब 50 परिवार इस कला से जुड़े हैं।
सीएम को पसंद आई थी कलाकृति
बलदेव ने बताया कि पिछले दिनों सारणी कार्यक्रम में पहुंचे सीएम डॉ. मोहन यादव उनके स्टॉल पर आए थे। उन्हें यह कलाकृति पसंद आई थी, यहीं से उन्होंने इसे पीएम को भेंट करने पसंद किया था। इसके बाद इसे आज भोपाल कार्यक्रम में पीएम को भेंट किया गया।

सारणी में सीएम डॉ. यादव ने उनकी ढोकरा शिल्प कलाकृति को पसंद किया था।
अमेरिका-फ्रांस में प्रदर्शित हो चुकी कलाकृति
बलदेव वाघमारे को कालिदास अकादमी सम्मान और विश्वकर्मा पुरस्कार मिल चुके हैं। उनकी कलाकृतियां अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों में प्रदर्शित हो चुकी हैं। जिला प्रशासन बैतूल और मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग इस कला के संरक्षण में सहयोग कर रहे हैं।