इसी ट्रैक्टर को पुलिस ने किया था जब्त।
बेगूसराय में पुलिस पर हमला मामले में 27 नामजद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है। दरअसल, बखरी थाना क्षेत्र के प्राणपुर गांव में कब्जा की गई जमीन की जुताई करने पर पुलिस पहुंची थी। पुलिस ने जुताई से मना किया। इसी बीच महादलित
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मामले में सभी फरार हो गए हैं। उनको पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है। घटना के बाद स्थिति कंट्रोल में है, लेकिन गांव में तनाव है।
कोर्ट ने कब्जा हटाने के लिए आदेश दिया था
बताया जा रहा है कि मोहम्मद सादिक अख्तर परिवार के पूर्वजों ने 1910 में शकरपुरा स्टेट के मालिक से प्राणपुर मौजे में खाता नंबर-1, खेसरा-396 में 16 बीघा जमीन ली थी। वे लोग उस दिन से उस जमीन पर खेती कर रहे थे।
14 मई 2024 को अचानक महादलित समुदाय के 50 से अधिक परिवार ने उस प्लॉट पर झोपड़ी बनाना शुरू कर दिया। जमीन मालिक को जब इसकी सूचना मिली तो उन्होंने बखरी थाना को जानकारी दी, लेकिन बखरी थाना ने हाथ खड़े कर दिए। थाना का कहना था कि जमीन का मामला है, कोर्ट जाइए। इसके बाद जमीन मालिक अनुमंडल कोर्ट गए।
कोर्ट ने जबरदस्ती घर बनाने वालों को नोटिस भेजा, जिस पर कोई असर नहीं हुआ तो मामला कोर्ट में चला।
17 अगस्त 2024 को कोर्ट ने आदेश पारित कर कहा कुछ लोगों ने जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया है। भू-स्वामी के पास जमीन के कागज उपलब्ध हैं, इसलिए उनकी जमीन है। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से गढ़पुरा के अंचलाधिकारी (CO) को आदेश दिया कि जमीन खाली कराएं। कोर्ट का आदेश मिलने के बाद भू-स्वामी ने सीओ से संपर्क किया, जहां जमीन खाली कराने की आगे की प्रक्रिया होने वाली थी।
जमीन जोतने के लिए ट्रैक्टर वाले तैयार नहीं होते थे
इधर गांव के कई भू-माफिया की नजर इस जमीन पर थी। गांव के लोगों को पता था कि यह जमीन विवादित है। जबरदस्ती कब्जा करने वाले महादलित समुदाय के लोग जमीन जोतने के लिए किसी भी ट्रैक्टर वाले को कहते थे तो वह तैयार नहीं होते थे।
इसी दौरान सीमावर्ती खगड़िया के बहादुरपुर निवासी रुपकांत राय ने जबरदस्ती घर बनाकर रह रहे सदा समुदाय के लोगों को विश्वास में लिया। उसे लगा था कि इन लोगों ने 16 बीघा जमीन कब्जा कर लिया है, अगर हम उनकी मदद करते हैं तो हमने भी जो इस गांव में ढाई बीघा जमीन गलत तरीके से खरीदी है, उस पर कब्जा दिलवा दिया जाएगा।
इसी को लेकर रविवार को रुपकांत अपना ट्रैक्टर लेकर महादलित समुदाय की मदद करने के उद्देश्य से खेत जोतने पहुंचा, लेकिन तभी भू-स्वामी को सूचना मिल गई और उन्होंने पुलिस को सूचना दी। बखरी थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और ट्रैक्टर को जब्त कर रोक दिया।
ट्रैक्टर जब्त करने के बाद पुलिस पर हमला
पुलिस के ट्रैक्टर जब्त करने के बाद जमीन पर कब्जा करने वालों ने ईंट-पत्थर और लाठी से पुलिस पर हमला कर दिया। उस प्लॉट पर बने 4-5 झोपड़ी में आग लगा दी। इसके बाद विवाद बढ़ गया, एसपी को मौके पर पहुंचना पड़ा। घायल पुलिस कर्मियों का इलाज कराया गया।
जमीन कब्जा करने वाले लोग महादलित हैं और काफी मनबढ़ू किस्म के हैं। बाहर के लोगों को लाकर झोपड़ी बनाया, जबरदस्ती जमीन पर कब्जा कर लिया। ।
घर बनाने वाले से बात करते एसपी।
गरीब हैं, जमीन पर साग-सब्जी लगाएंगे
महादलित समुदाय के लोगों का कहना है कि हम लोग भूमिहीन हैं। यह जमींदार (बकास) की जमीन है। हम लोग इस पर घर बना कर रह रहे हैं। रविवार को खेत जोत रहे थे। तभी पुलिस आ गई और जोतने से रोक दिया। हमने कहा भी कि गरीब आदमी हैं, जोतने दीजिए, साग-सब्जी लगाएंगे। मोहम्मद तालिम प्रशासन लेकर आया था और उसी ने गाड़ी रूकवाई। प्रशासन के सामने घर में आग लगा दी। पहले भी हम लोगों पर कई केस किए थे।
एसपी ने कब्जाधारियों से पूछा, आपके पास जमीन के कागजात हैं
घटना के बाद एसपी मनीष खुद मौके पर पहुंचे। उन्होंने घर बनाकर रह रहे लोगों से पूछा भी कि आपके पास जमीन का कागज है तो उन लोगों ने कहा कागज नहीं है, लेकिन इस दौरान घर बना कर रह रही एक महिला एसपी से भी बात करती रही। वह कह रही थी कि पत्थर हमने नहीं चलाया, बच्चे लोगों ने चलाया है। एसपी मनीष महिला से पूछते हैं कि आपके पास जमीन का कोई कागज है, तो महिला कहती है नहीं। फिर एसपी ने कहा आप मानते हो कि आपके पास जमीन का कोई कागज नहीं है, महिला कहती है नहीं है।
आपको पुलिस पर हमला करना चाहिए था… जबाब में महिला ने हमले की बात से इनकार कर दिया। एसपी कहते हैं कि जिन लोगों ने पत्थर चलाया है, उसका हमारे पास फोटो और वीडियो भी है, आपको दिखा दें, हमारे चार लोगों का सिर फूटा है। इस पर महिला ने कहा कि पुलिस लाठी दिखा रही थी। एसपी ने जब कहा कि अगर ऐसा होगा तो क्या आप पत्थर से सिर फोड़ दोगे।
इस पर महिला ने कहा है कि बच्चों ने ढेला चलाया होगा। इसके बाद एसपी बोला कि बच्चे आपके काबू में नहीं हैं, तो महिला ने चुप्पी साध ली। सवाल है कि आखिर बच्चों ने पत्थर किसके कहने पर चलाए। आखिर बच्चे क्यों चलाएंगे पत्थर।