अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते कार्यकर्ता।
पूर्णिया में राज्यव्यापी आह्वान पर सीपीआईएम और सीपीआई ने विभिन्न मांगों को लेकर आक्रोश मार्च निकालकर जिला मुख्यालय में जोरदार प्रदर्शन किया। मार्च मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बैनर तले निकाली गई। जिसमें सैकड़ों लोग शाम
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प्रदर्शन में शामिल लोग मुख्य रूप से बदलो सरकार बचाओ बिहार के नारे लगाते नजर आए। प्रदर्शन में पर्यवेक्षक के रूप में केंद्रीय कमिटी के सदस्य कॉमरेड अवधेश कुमार खुद शामिल रहे। सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा की सरकार धार्मिक भाषाई अल्पसंख्यको, समाज के कमजोर वर्ग, दलित आदिवासी, अतिपिछड़ा और महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों को रोंद रही है। सीपीआईएम और सीपीआई ऐसा हरगिज नहीं होने देगी।
आक्रोश मार्च और प्रदर्शन में सैकड़ों लोग शामिल रहे।
राज्य और केंद्र सरकार पर साधा निशाना
माकपा जिला सचिव सह जिला पार्षद राजीव सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान में बिहार अनेक तरह के संकटों के दलदल में फसता जा रहा है। आम जनता केंद्र और राज्य सरकार की एनडीए सरकार की पूंजीपति परस्त नीतियों के दुष्प्रभाव से ऊब चुकी है। आम आदमी खासकर दलित, गरीब, आदिवासी सरकार की शोषणकारी नीतियों से परेशान है। हर वर्ष बाढ़ की त्रास्दी से 20 से 25 जिले त्रस्त है। लेकिन बाढ़ का स्थायी निदान नहीं हुआ, जिसमें सार्वजनिक जनवितरण प्रणाली मजबूत हो। अपराध व भ्रष्टाचार मुक्त बिहार हो, बाढ़ सुखाड़ का स्थायी निदान किया जाए। सभी योजना से जुड़े कैडर का स्थाई करण हो। बेरोजगार को रोजगार या बेरोजगारी भत्ता दिया जाए जैसे मूलभूत मांगों के समर्थन में हजारों की संख्या में बूढ़े, जवान महिला, मजदूर किसान आज खुद सड़क पर उतरकर अपने है के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।
कामरेड राजीव सिंह ने कहा कि हमारी मांग है कि किसानों की आय दुगुनी करने के लिये तमाम कृषि उत्पादों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी, किसानों के अधिग्रहित जमीन का वर्तमान बाजार दर पर मुआवजा, किसानों की बगैर सहमति के जमीन का अधिग्रहण करना बंद हो। सभी लाभार्थियों को 35 किलो अनाज की गारंटी दी जाए। बेघरों को 10 डिसमिल जमीन व मकान मिले। सामाजिक सुरक्षा पैसन प्रतिमाह 3000 रुपया हो। स्मार्ट मीटर वापस लिया जाए और 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त करो। आरक्षण की वृद्धि को संविधान की नौंवी अनुसूची में शामिल किया जाए। महंगाई पर रोक लगे।