गौरेला-पेंड्रा-मरवाही रोड पर बिजली लाइनों के विस्तार के नाम पर होने वाली पेड़ों की कटाई का विरोध तेज हो गया है। स्थानीय निवासियों और पर्यावरण प्रेमियों ने इस फैसले के खिलाफ अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा है।
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छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत बोर्ड (CSEB) ने इस बार पेड़ों की शाखाओं को काटने का निर्णय लिया है, जबकि पहले ऐसी ही स्थिति में केबल तारों का इस्तेमाल किया गया था। विभाग का कहना है कि इस बार केबल तारों के उपयोग का कोई प्रावधान नहीं है।
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही रोड पर बिजली लाइनों के विस्तार के नाम पर होने वाली पेड़ों की कटाई का विरोध किया जा रहा है।
स्थानीय लोगों ने दी चेतावनी
पूर्व अध्यक्ष और वार्ड 14 के पार्षद ईकबाल सिंह का कहना है कि ये पेड़ सिर्फ सौंदर्य के लिए ही नहीं, बल्कि पर्यावरण संतुलन के लिए भी जरूरी हैं। राहगीरों और यात्रियों को मिलने वाली छाया भी इन पेड़ों की वजह से है।
स्थानीय नागरिकों ने सरकार की ‘एक पेड़ माँ के नाम’ जैसी पहल का जिक्र करते हुए कहा कि एक तरफ सरकार पेड़ लगाने की बात करती है, दूसरी तरफ मौजूदा पेड़ों को काटने की योजना बना रही है।
लोगों ने चेतावनी दी है कि इस कदम से न केवल क्षेत्र का प्राकृतिक सौंदर्य प्रभावित होगा, बल्कि जलवायु संतुलन भी बिगड़ेगा। स्थानीय समुदाय ने अधिकारियों से अपील की है कि वे इस निर्णय पर पुनर्विचार करें और पर्यावरण हितैषी विकल्पों को प्राथमिकता दें।