प्रमुख सचिव सामाजिक न्याय विभाग सोनाली पोक्षे वायंगणकर
सिंगल सिटिजन डेटाबेस के जरिए गलत जानकारी देकर किसी योजना का अवैध लाभ लेने वाले लोगों को अब कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही सरकार से योजना के हितग्राही के रूप में अवैध रूप से ली गई राशि वापस लौटाना पड़ सकती है। समग्र पोर्टल पर आधार ई-के
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सामाजिक न्याय विभाग ने इसको लेकर सभी कलेक्टरों को निर्देश भी जारी कर दिए हैं। इसमें साफ कहा गया है कि सभी हितग्राही मूलक योजनाओं में समग्र पोर्टल पर आधार ई-केवाईसी अनिवार्य किया गया है। इस पर काम शुरू भी हो गया है। इसके बाद आवेदक की समग्र पोर्टल पर आधार ई-केवाईसी के जरिए दर्ज होने वाली जानकारी के बाद योजना का लाभ पाने के लिए ऑनलाइन आवेदन करने पर अलग से कोई आवेदन करने और दस्तावेज देने की जरूरत नहीं रहेगी।
विभाग ने कहा है कि जिन योजनाओं में बीपीएल और दिव्यांग प्रमाण पत्र की शर्त जरूरी है, उनमें बीपीएल स्टेटस का सत्यापन संबंधित स्थानीय निकाय द्वारा बीपीएल पोर्टल पर अपडेट जानकारी के आधार पर किया जाएगा। अलग से बीपीएल कार्ड मांगने की आवश्यकता नहीं होगी।
शासकीय कर्मचारी, आयकर दाता की जानकारी स्वप्रमाणित लेंगे
विभाग की प्रमुख सचिव सोनाली पोक्षे वायंगणकर ने कहा है कि कलेक्टर योजनाओं के लिए तय अन्य शर्तों में स्व प्रमाणित घोषणा पत्र ले सकते हैं। इसमें आवेदक के आयकर दाता होने या न होने, शासकीय कर्मचारी होने या न होने, परिवार पेंशन पाने या न पाने की जानकारी स्वप्रमाणित घोषणा पत्र के रूप में हो सकती है। अगर किसी योजना के आवेदन के क्रियान्वयन में अनावश्यक देरी की गई तो इस पर संबंधित अधिकारी, कर्मचारी के विरुद्ध कार्यवाही के लिए भी लिखा गया है।
पेपरलेस और फेसलेस गवर्नेंस सिस्टम पर फोकस
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने एमपीएसईडीसी के माध्यम से समग्र डेटाबेस को सिंगल सिटिजन डेटाबेस के रूप में स्थापित करने का फैसला किया है। इसके माध्यम से पेपरलेस और फेसलेस गवर्नेंस स्थापित कर योजनाओं और सेवाओं का लाभ आसानी से देने की सरकार की योजना है। इस व्यवस्था के सेट होने के बाद बाद नागरिकों को योजना का लाभ लेने के लिए बार-बार दस्तावेज देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। समग्र आईडी के माध्यम से विभाग के अफसर अपने से संबंधित योजनाओं के लिए दस्तावेज हासिल कर सकेंगे।