पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास चैनपुर प्रखंड के पीपी बामदा गांव में 40वें पड़हा जतरा कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और ओडिशा के पूर्व राज्यपाल रघुवर दास ने गुमला में हेमंत सरकार पर पेसा कानून को लेकर निशाना साधा। वे चैनपुर प्रखंड के पीपी बामदा गांव में 40वें पड़हा जतरा कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे।
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रघुवर दास ने कहा कि 1996 में भूरिया समिति ने पेसा कानून बनाया था। इस कानून में 13 प्रखंड और 112 शेड्यूल जिले शामिल हैं। यह कानून प्राचीन काल से चली आ रही रूढ़िवादी व्यवस्था को मान्यता देता है।
सरकार में शामिल मंत्री पेसा कानून को लागू नहीं होने दे रहे
उन्होंने आरोप लगाया कि विदेशी धर्म के लोग जनजाति समाज में भ्रम फैला रहे हैं। कांग्रेस के पदाधिकारी और सरकार में शामिल मंत्री पेसा कानून को लागू नहीं होने दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह विडंबना है कि राज्य का मुख्यमंत्री खुद सरना आदिवासी होते हुए भी स्वशासन की मांग को नजरअंदाज कर रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि 2014 में उनके कार्यकाल में जाति प्रमाण पत्र में सरना कोड की व्यवस्था थी। इससे आदिवासियों को सरकारी नौकरियों में लाभ मिलता था, लेकिन हेमंत सरकार ने इस धर्म कोड को हटा दिया। इससे धर्मांतरित ईसाइयों को फायदा मिल गया है।