जहां हजार हाथों से थमा था नर्मदा का बहाव, अब बहता है रोमांच
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महेश्वर में तापमान 36 डिग्री के पार है, लेकिन सहस्त्रधारा की ठंडी धाराओं में कैनो सलालम की ट्रेनिंग ले रहे खिलाड़ियों को गर्मी महसूस नहीं होती। नर्मदा की धार में बैलेंस, स्पीड और कंट्रोल का अभ्यास करते कैनो सलालम के एथलीटों के लिए यह प्रदेश का इकलौता प्राकृतिक ट्रैक है, जहां 10 से ज्यादा राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं हो चुकी हैं।
मान्तया है कि सहस्त्रधारा में राजा सहस्त्रबाहु ने एक हजार हाथों से नर्मदा का बहाव थामा था। बता दें कि 9-10 जून को देवप्रयाग (उत्तराखंड) में होने वाले नेशनल टीम में चयन के लिए ट्रायल में महेश्वर के 20 खिलाड़ी उतरने जा रहे हैं। इनमें कई राष्ट्रीय मेडलिस्ट हैं।
ऑस्ट्रेलियाई कोच भी दे चुके ट्रेनिंग… इंटरनेशनल कैनो फेडरेशन के ऑस्ट्रेलियाई कोच मिस्टर माइक यहां आकर खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दे चुके हैं। हेड कोच देवेंद्र गुप्ता कहते हैं—”नेचुरल ट्रैक में एथलीट पानी की चाल और संतुलन बेहतर समझते हैं। कृत्रिम ट्रैक जैसी स्क्रिप्टेड फील यहां नहीं होती।’