रीवा में युवती से छेड़खानी के आरोप के बाद प्रधान आरक्षक संतोष सिंह को निलंबित कर दिया है। वह रायपुर कर्चुलियान थाने में पदस्थ था। पिछले दिनों उसका एक फरियादी से बातचीत का ऑडियो सामने आया था। युवती ने उस पर छेड़खानी का आरोप लगाया था। रविवार को एसपी वि
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युवती ने बताया कि प्रधान आरक्षक ने थाने में गलत व्यवहार से असहज कर दिया।
इस मामले में प्रधान आरक्षक ने बताया कि युवती मारपीट की शिकायत लेकर थाने आई थी। उसके सिर में चोट लगी थी, इसलिए मानवता के नाते मैंने उसकी चोट को देखा। न कि कोई गलत हरकत करने की कोशिश की।
एक तरफ युवती ने एडिशनल एसपी आरती सिंह को शिकायती आवेदन देकर पूरे मामले की शिकायत की है। उधर दूसरी तरफ मामले में पुलिसकर्मी ने भी अपना स्पष्टीकरण दिया है।
युवती ने यह आरोप लगाए युवती ने बताया कि जमीन को लेकर उनका चाचा से पारिवारिक विवाद चलता था। चाची ने उसके पिता और भाई को झूठा मुकदमे में फंसाने की धमकी दी थी। जिससे परेशान होकर वह रायपुर कर्चुलियान थाने पहुंची।
युवती ने संतोष सिंह पर आरोप लगाया कि उसने मोबाइल नंबर लेकर अश्लील बातें करने लगा। इसकी शिकायत एडिशनल एसपी को लिखित में आवेदन दिया है और अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई है।
उधर पूरे मामले में प्रधान आरक्षक संतोष सिंह ने कहा कि आरोप लगाने वाली युवती और उसके परिवार के खिलाफ पहले से प्रकरण पंजीबद्ध है। जहां उनके द्वारा पारिवारिक विवाद किया गया था। पारिवारिक विवाद को सुलझाने के लिए ही मौके पर महिला कॉन्स्टेबल के साथ गया था। लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं।
इधर, महिला आरक्षक निलंबित विश्वविद्यालय थाने में पदस्थ महिला आरक्षक को भी निलंबित किया गया है। मामला सिंधी कैंप निवासी आशा सिंह से जुड़ा है। उन्होंने एसपी से शिकायत कर बताया कि महिला आरक्षक शाहीन खान ने कोलगवां थाना पुलिस की मदद से उनसे मारपीट की। उन्हें धमकी दी कि जावेद खान से पैसे मांगने पर जान से मार देंगे।
महिला आरक्षक के जरिए धमकाया घटना की पृष्ठभूमि में आशा सिंह के किरायेदार जावेद खान का मामला है। माधवगढ़ निवासी जावेद ने आशा से पहले 70,000 रुपए और फिर 2.99 लाख रुपए उधार लिए थे। दो साल में लौटाने का वादा किया था। पैसे वापस नहीं मिलने पर जब आशा ने मांग की तो महिला आरक्षक के जरिए उन्हें धमकाया जाने लगा।
24 अप्रैल को आशा को घर से कोलगवां थाने ले जाया गया। वहां उनके साथ मारपीट की गई और धमकियां दी गईं। मामला मीडिया में आने के बाद रीवा एसपी ने कार्रवाई करते हुए महिला आरक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।