Friday, April 18, 2025
Friday, April 18, 2025
Homeउत्तर प्रदेशप्रयागराज महाकुंभ में बुलंदशहर से पहुंचे जनक गिरि जी महाराज: गुजरात...

प्रयागराज महाकुंभ में बुलंदशहर से पहुंचे जनक गिरि जी महाराज: गुजरात के महानिर्वाणी अखाड़े के महंत हैं मां अवन्तिका देवी मंदिर के महाराज – Bulandshahr News


प्रयागराज महाकुंभ में बुलंदशहर के मां अवन्तिका देवी मंदिर के महंत का भी रविवार को आगमन हो गया। बुलंदशहर से अपने अखाड़े के अपने सभी शिष्यों के साथ घोड़े पर चढ़कर वह प्रयागराज पहुंचे, जहां उनके अखाड़े की सवारी देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई।

.

महानिर्वाणी अखाड़े के महंत हैं महाराज बुलंदशहर के माँ अवन्तिका देवी मंदिर के महाराज महंत श्री श्री 108 श्री जनक गिरी जी महाराज गुजरात के महानिर्वाणी अखाड़े के महंत हैं। देश मे लगने वाले सभी महाकुंभ, कुंभ और अर्द्ध कुंभ में उनके अखाड़े की भूमिका अहम होती है। उनकी सवारी को देखने लोग दूर दूर से आते हैं।

50 वर्षों से नहीं किया अन्न ग्रहण बुलंदशहर के माँ अवन्तिका देवी मंदिर के महाराज महंत श्री श्री 108 श्री जनक गिरी जी महाराज की आयु करीब 70 वर्ष से अधिक है। उन्होंने 50 वर्षों से अन्न ग्रहण नहीं किया है। वह आहार में सिर्फ फल और कच्चे सब्जियों का प्रयोग करते हैं। इसके अलावा वह रोजाना 5 लीटर दूध और मट्ठा ग्रहण करते हैं।

मां रुक्मिणी का श्रीकृष्ण ने किया था हरण बुलंदशहर का माँ अवन्तिका देवी मंदिर देश के प्रौणानिक स्थलों में आता है। द्वापर युग मे भी इसका वर्णन है। यह राजा भीष्मक की राजधानी थी। इस मंदिर में मां रुक्मिणी रोजाना पूजा करती थी। यहां मां गंगा का किनारा है। यहां रुक्मिणी कुंड भी है, जिसमें वह रोज गंगा स्नान करती थीं। भगवान श्रीकृष्ण ने मां रुक्मिणी का हरण इसी मंदिर से किया था। तब राजा भीष्मक और भगवान श्री कृष्ण के बीच युद्ध हुआ था।

तब भगवान श्रीकृष्ण ने इस जगह को पलट दिया था, जिसके बाद उनका विवाह इसी जगह पर धूमधाम से किया गया था। यहां के गावों के नाम भी भगवान श्रीकृष्ण और माता रुक्मिणी के विवाह आयोजनों के नाम पर पड़े है। जैसे मोहरसा में भगवान श्री कृष्ण का मोहर बांधा गया था। इसी के नाम पर इस गांव का नाम पड़ गया।



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular