समस्तीपुर में एक निजी कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते आनंद मोहन
पूर्व सांसद बाहुबली आनंद मोहन ने जन स्वराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर राजनीति में नर्सरी के स्टूडेंट हैं। उनका चुनाव चिन्ह बिस्तर छाप है। उन्हें अभी राजनीति में मैट्रिक, इंटर और ग्रेजुएशन करना बाकी है।
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बिहार में हुए उपचुनाव के नतीजे पर आनंद मोहन ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार में अभी सिर्फ दो धाराएं हैं, NDA और महागठबंधन। तीसरी धारा का अभी कोई उपाय नहीं है। उन्होंने कहा कि एक-दो स्थानों पर स्थानीय समीकरण के कारण PK को कुछ वोट मिल गए हैं। आनंद मोहन सोमवार शाम समस्तीपुर में एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पहुंचे थे।
निजी कार्यक्रम में पहुंचे आनंद मोहन।
कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार की राजनीति अभी NDA और महागठबंधन के बीच चल रही है। अगर कोई तीसरी धारा इनमें बनती तो उपेंद्र कुशवाहा, चिराग पासवान और ओवैसी सेंधमारी करते, लेकिन वे लोग अभी किसी न किसी रूप में NDA तो कोई महागठबंधन के हिस्सा हैं।
उन्होंने कहा कि वह पूर्व में ही कह चुके थे कि प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति में नर्सरी के स्टूडेंट हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिपक्ष जन सरोकारों से दूर हो रहा है। प्रतिपक्ष के पास कोई काम नहीं है।
पत्रकारों से बातचीत करते आनंद मोहन
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का मानना था कि राजनीति संघर्ष और रचना पर होती है। दोनों के बगैर राजनीति नहीं की जा सकती। बाद में डॉक्टर लोहिया ने भी इसी बात का रूप बदल कर कहा था कि राजनीति जेल और वोट पर होती है। जहां जेल संघर्ष का प्रतीक है और वोट रचना का।
उन्होंने कहा कि विपक्ष और पीके अभी रचना विहीन है। उनके पास जन सरोकारों से जुड़कर रचना के लिए कोई प्लानिंग नहीं है। सिर्फ आंकड़ों पर राजनीति नहीं हो सकती। राजनीति सिर्फ पैसे के बल पर नहीं की जा सकती। अगर ऐसा होता तो लालू प्रसाद, कर्पूरी ठाकुर, मुलायम सिंह यादव जैसे लोग नहीं आते। टाटा और बिरला होते।