राजधानी समेत राज्यभर के सभी रेत घाटों को 15 जून से बंद कर दिया गया है। घाट बंद होने के साथ ही रेत की कीमत बिना किसी कारण दोगुने से भी ज्यादा बढ़ा दी गई है। प्रशासन ने घाट बंद होने की स्थिति में भी लोगों को एक हाइवा रेत 5500 रुपए में मिले इसके लिए 22
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इसके बावजूद रेत घाट वाले एक हाइवा रेत 18 से 20 हजार रुपए में बेच रहे हैं। खनिज विभाग के अफसरों का इसमें कोई कंट्रोल नहीं है। रेत घाट वाले अपनी मर्जी से कीमत तय कर रेत बेच रहे हैं।
अफसरों के पास शिकायत पहुंचने के बाद भी वे उन पर कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। इस वजह से लोगों को सस्ती रेत मिलने के बजाय महंगी मिल रही है। मानसून की एंट्री होने के साथ ही घाट संचालकों ने कीमत बढ़ाना शुरू कर दिया था।
नियमानुसार 50 रुपए प्रति घन मीटर की दर से रेत का उत्खनन और परिवहन किया जाता है। इस हिसाब से एक हाइवा की कीमत करीब 5500 रुपए होती है। रेत घाट से लोगों तक रेत पहुंचाने का खर्चा जोड़कर कीमत 7000 के आसपास होती है, लेकिन रेत सिंडिकेट वाले और सप्लायर इसी रेत को दोगुनी कीमत पर बेच रहे हैं।
मकान और भवन का काम चलने की वजह से लोग मजबूरी में महंगी रेत खरीद रहे हैं। रेत घाटों को 15 अक्टूबर तक के लिए बंद किया गया है। यानी लोगों को इस तरह की परेशानी अक्टूबर तक होती ही रहेगी।
पिछले महीने भी 15 हजार रुपए तक बेची
रेत सिंडीकेट वालों ने पिछले महीने भी एक हाइवा 15 हजार रुपए तक में बेची है। रेत सप्लायरों का कहना है कि रेत घाट वालों ने जहां रेत स्टॉक कर रखा है वहां लोडिंग चार्ज 5000 रुपए तक वसूल करते हैं। इस वजह से शहर में रेत लाना महंगा हो जाता है। सरकारी कीमत पर ही घाट वाले रेत की लोडिंग करें तो कीमत कम हो सकती है। लेकिन वे अपनी मनमानी से ही रेत लोडिंग करते हैं। खनिज विभाग के अफसरों को भी इसकी जानकारी है, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। छत्तीसगढ़ रेत हाइवा संघ वालों का कहना है कि जब रेत ही महंगी मिलेगी तो उसे कम कीमत में कैसे बेचा जा सकता है।
बारीक रेत सबसे ज्यादा महंगी
बाजार में अभी सबसे ज्यादा महंगी बारीक रेत बेची जा रही है। कोई भी रेत सप्लायर 22 रुपए फीट से कम में बारीक रेत की सप्लाई नहीं कर रहा है। चूंकि इसी रेत से प्लास्टर होता है। इस वजह से बिल्डरों के साथ आम लोगों को भी महंगी रेत खरीदनी पड़ रही है। इसी तरह मीडियम रेत भी 18 से 20 रुपए फीट में बेची जा रही है। सामान्य दिनों में यही रेत 12 से 14 रुपए फीट में बेची जा रही थी। लेकिन अभी रेत घाट बाद होने का हवाला देकर कीमत बढ़ा दी गई है।
जिले में 8 रेत घाटों के पास ही एनओसी
रायपुर जिले में अभी 8 रेत घाटों के पास ही पर्यावरण विभाग की एनओसी है। इसके अलावा बाकी सभी रेत घाटों में 15 जून के पहले तक अवैध खनन हो रहा था। अभी सभी रेत घाट बंद होने के बावजूद धड़ल्ले से अवैध खनन किया जा रहा है। सबसे ज्यादा पारागांव आरंग, जौरा, समोदा, कुम्हारी के रेत घाटों से किसी भी समय अवैध खनन किया जा रहा है। खनिज विभाग के अफसर इन रेत घाटों में जांच तक करने के लिए नहीं जाते हैं।