वल्लभ भवन के आसपास 8214 झुग्गियों को हटाकर यहां फ्लैट बनाने की योजना है। लेकिन, यहां पी-9 बिल्डिंग बनाई जाती है, तो यह मंत्रालय और विधानसभा से भी ऊंची हो सकती है। इससे सुरक्षा को भी खतरा हो सकता है। भोपाल नगर निगम के सर्वे के बाद जिला प्रशासन ने यहां
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गुरुवार दोपहर वल्लभ भवन में इसे लेकर बैठक हुई। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह और निगम कमिश्नर हरेंद्र नारायण ने उन्हें प्लान बताया तो प्रमुख सचिव संजय शुक्ला ने बिल्डिंग की ऊंचाई पर चिंता जताई। कहा कि एक ही विकल्प पर काम न करें। दो से तीन प्रोजेक्ट बनाएं, ताकि कोई रुकावट न आए।
आम लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। पीएस ने कहा कि वल्लभ भवन के आसपास की जमीन पर प्रशासकीय भवन बनाने चाहिए। प्रोजेक्ट के तहत जिन झुग्गियों को हटाया जाना है, उनके लिए ईडब्ल्यूएस भवन दो से तीन किलोमीटर के दायरे में ही बनाए जाने चाहिए। अब जल्द दो से तीन विकल्प के साथ प्रोजेक्ट तैयार किया जाएगा।
वल्लभ भवन के तीन किमी के दायरे में ही बनेंगे ईडब्ल्यूएस फ्लैट
ग्रीन- पीएसपी लैंडयूज, नहीं हो सकता निर्माण मास्टर प्लान में वल्लभ भवन और इसके आसपास के क्षेत्र में दो तरह के लैंडयूज हैं। कुछ हिस्सा ग्रीन लैंडयूज है और कुछ हिस्सा पब्लिक-सेमी पब्लिक (पीएसपी) लैंडयूज है। इन दोनों ही तरह के लैंडयूज में आवासीय निर्माण नहीं किए जा सकते हैं। ग्रीन बेल्ट में किसी भी तरह के निर्माण पर रोक होती है, जबकि पीएसपी लैंडयूज में केवल अस्पताल, स्कूल, कॉलेज जैसे निर्माण किए जा सकते हैं।
शहर का पहला प्लान भोपाल में एक लाख से अधिक झुग्गियां हैं। शहर को झुग्गी मुक्त करने की शुरुआत वल्लभ भवन से हुई है। पूरे शहर की झुग्गियां हटाने के लिए 5 साल में करीब 85 हजार ईडब्ल्यूएस बनाने होंगे। सबसे ज्यादा 77 झुग्गी बस्तियां नरेला विधानसभा क्षेत्र में हैं।
जमीन बेचकर बनेंगे घर निगम सूत्रों का कहना है कि झुग्गियां हटाने के बाद करीब 45 एकड़ जमीन मिलेगी। पीपीपी मोड पर शासन से प्राइवेट एजेंसी को कुछ जमीन अलॉट कर दी जाएगी। इस जमीन को बेचकर जो राशि उसे मिलेगी, उसी राशि से पक्के मकान बनाए जाएंगे।
…प्रोजेक्ट के तह ये बस्तियां होंगी शिफ्ट
भीम नगर, वल्लभ नगर 1-2, ओम नगर-2-3 और मालवीय नगर की छह बस्तियों में 28 हजार से ज्यादा जनसंख्या रहती है। इन बस्तियों को शिफ्ट किया जाएगा।