पूर्णिया में एक शिक्षक की विदाई समारोह में गुरु शिष्य के बीच का अनूठा प्यार देखने को मिला। पूर्णिया पूर्व प्रखंड के उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय विक्रमपुर महेंद्रपुर में एक शिक्षक की विदाई समारोह में छात्राएं रो पड़ीं। किसी ने शिक्षक के पैर पकड़
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किसी ने शिक्षक के इस भावुक कर देने वाले विदाई समारोह का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। सोशल मीडिया यूजर्स शिक्षक के प्रति स्कूली छात्राओं का ये सम्मान और प्यार देख तारीफ करते नहीं थक रहे।
छात्राएं शिक्षक के पैर पकड़ रो रोकर कह रही थीं कि हमें छोड़कर नहीं जाइये सर, प्लीज सर आप यहीं रुक जाइए सर।
शिक्षक की विदाई समारोह में मायूस हुईं छात्राएं।
बीपीएससी टायर-3 की परीक्षा में सफल होने के बाद शिक्षक कटिहार गए
2 पहले पहले ही बीपीएससी टायर 2 में गौरी शंकर का सेलेक्शन उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय विक्रमपुर महेंद्रपुर में कक्षा 9वीं और 10वीं के बच्चों को पढ़ाने के लिए हुआ था। अब गौरी शंकर ने बीपीएससी टायर-3 की परीक्षा में भी बाजी मार ली। कक्षा 11वीं व 12वीं के लिए अब उनका चयन कटिहार जिले के रौतारा प्रखंड में हुआ है।
स्कूल के प्रिंसिपल भवेश ठाकुर, शिक्षक अमरेंद्र कुमार यादव, अजय कुमार मंडल और आफताब आलम बताते हैं कि स्कूल के टीचर गौरी शंकर के पढ़ाने के अनूठे कार्यशैली के स्कूल के बच्चे दीवाने थे। साइंस जैसे कठिन विषय को इतने सरल और सहज तरीके से समझते थे, कि किताबों की हर एक लाइन बच्चों को कंठस्थ हो जाती थी।
इसके बाद बच्चे बगैर किताब को पलटे साइंस की हर थ्योरी खड़े होकर पूरे क्लास के बच्चों के बीच प्रेजेंट कर देते। पढ़ाने की इसी शैली ने बच्चों को कायल बना रखा था। स्वभाव और बोल चाल में भी वे बेहद मृदुभाषी रहे। उनके संबंध सभी से बेहद मजबूत रहे। यही वजह है कि विद्यालय में पहली बार किसी शिक्षक की विदाई समारोह इतने भव्य तरीके से आयोजित की गई।

साइंस टीचर की विदाई समारोह में रोतीं छात्राएं।
बच्चों को सता रही चिंता कौन पढ़ाएगा साइंस
बच्चों को अब डर है कि उन्हें विज्ञान की पढ़ाई इतने सरल तरीके से कौन समझाएगा। उनके जाने से छात्र-छात्राओं को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। यही वजह है कि शनिवार को शिक्षक गौरी शंकर के विदाई समारोह में बच्चों से लेकर, शिक्षक और अभिभावक तक भावुक हो गए। खासकर स्कूल की छात्राएं अपने आंसू रोक नहीं पाईं।
शिक्षक का आशीर्वाद लेने पहुंचने वाली हर एक छात्राएं रो पड़ीं। कोई शिक्षक के पैर पकड़, तो कोई हाथ पकड़ शिक्षक को स्कूल छोड़कर न जाने की विनती करता नजर आया। छात्राओं के रोने की आवाज से स्कूल परिसर गूंज उठा।