पंजाब में फरीदकोट जिला पुलिस ने वारिस पंजाब दे संस्था के वित्त सचिव रहे गुरप्रीत सिंह हरीनौ की हत्या कराने के मामले में नामजद असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद श्री खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह के खिलाफ सबूत जुटाए जा रहे हैं। हाल ही में पुलिस ने जांच क
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फरीदकोट पुलिस के अनुसार, 9 अक्टूबर 2024 को कोटकपूरा के गांव हरीनौ में बाइक सवार शूटरों ने गुरप्रीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह कट्टरपंथी संगठन वारिस पंजाब दे का पदाधिकारी रहा था। इस केस में पुलिस द्वारा शूटरों समेत अन्य आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जबकि सांसद अमृतपाल सिंह व आतंकी अर्श डल्ला समेत 5 अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी बाकी है।
सांसद अमृतपाल सिंह
अमृत संधू नाम का टिंडर अकाउंट
जांच के दौरान पुलिस को ‘अमृत संधू’ नाम से एक टिंडर अकाउंट मिला था, जिसके अमृतपाल सिंह से जुड़े होने का संदेह है। इसके चलते पुलिस ने टिंडर एप से इस अकाउंट का डेटा लिया है। सूत्रों के अनुसार एप द्वारा उपलब्ध करवाए चेट के डेटा में पता चला है कि इस अकाउंट से लड़कियों के साथ अश्लील चेट की जा रही थी।
पुलिस के अनुसार, यह जानकारी गुरप्रीत को भी थी, जिसके जगजाहिर होने से अमृतपाल सिंह की समाज मे काफी बदनामी होती। इसी कारण अमृतपाल सिंह ने आतंकी अर्श डल्ला के साथ मिलकर गुरप्रीत सिंह की हत्या करवा दी।

टिंडर एप पर अमृत संधू के नाम पर बने अकाउंट पर लगी फ़ोटो

जानकारी देते डीएसपी अरूण मुंडन
अमृतपाल के राज की जानकारी बनी गुरप्रीत की मौत का कारण-डीएसपी
इस मामले में डीएसपी अरुण मुंडन ने बताया कि गुरप्रीत के पास अमृतपाल के कुछ राज थे, जो अगर सार्वजनिक हो जाते तो उसकी प्रतिष्ठा धूमिल हो जाती। उन्होंने सीधे रूप से टिंडर अकाउंट से प्राप्त चेट का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे राज ही गुरप्रीत की मौत का कारण बने हैं। पुलिस द्वारा हर तथ्य की बारीकी से पड़ताल की जा रही है।