अग्निवीर आकाशदीप सिंह के परिवार ने उसकी अस्थियां को संभालकर रखा है।
पंजाब के फरीदकोट में अग्निवीर की अस्थियां को 23 दिन बाद भी परिवार वालों ने जल प्रवाह नहीं किया है। कोठे चहिल गांव निवासी अग्निवीर आकाशदीप सिंह ने 14 मई की रात जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में ड्यूटी के दौरान अपनी जान की कुर्बानी दी थी। उसके सिर पर गोली ल
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अंतिम संस्कार के बाद उसकी अंतिम अरदास की रस्में हो चुकी है, लेकिन उसकी शहादत को अभी तक दर्जा ना दिए जाने के रोष स्वरूप परिवार ने आकाशदीप सिंह की अस्थियों को जल प्रवाह नहीं किया है। आकाशदीप सिंह की मौत की खबर 15 मई की सुबह परिवार को मिली और 16 मई को उसका अंतिम संस्कार किया गया, लेकिन अभी तक ना तो केंद्र सरकार और सेना द्वारा आकाशदीप को शहीद का दर्जा दिया गया और ना ही पंजाब सरकार ने कोई घोषणा की है।
ऐसे में परिवार बेहद नाराज है। हालांकि बीती 25 मई को आकाशदीप की अंतिम रस्में पूरी करते हुए पाठ के भोग डाले गए थे, जिसमें पंजाब विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां के अलावा अन्य सत्ताधारी आम आदमी पार्टी और विरोधी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने भाग लेकर परिवार को भरोसा दिलाया था पर परिवार को रोष है कि इसके बाद किसी नेता ने उनकी सुध नहीं ली।
रोजाना गुरुद्वारा साहिब में अरदास और घर में होता है पाठ परिवार के अनुसार आकाशदीप के निमित हर रोज सुबह गुरुद्वारा साहिब में अरदास होती है और शाम को घर मे उसकी अस्थियों के पास पाठ किया जाता है। यह सिलसिला शहीद का दर्जा मिलने तक जारी रहेगा।
इस मौके पर अग्निवीर आकाशदीप के पिता बलविंदर सिंह और माता कर्मजीत कौर ने कहा कि उन्हें किसी पैसे की जरूरत नहीं है और उनका संघर्ष सिर्फ बेटे को शहीद का दर्जा दिलाने तक ही सीमित है। पंजाब सरकार को सेना की रिपोर्ट का इंतजार है और सेना कहती है कि किसी रिपोर्ट की जरूरत ही नहीं। जब तक इंसाफ नहीं मिलता, तब तक वह अस्थियां जल प्रवाह नहीं करेगें।