ECCO ग्रीन की गाड़ी घरों से कूड़ा कलेक्शन करती हुई।
फरीदाबाद और गुड़गांव में डोर टू डोर कूड़ा उठाने वाली चाइनीज़ कंपनी ईको ग्रीन को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने दो महीने की राहत दी है। हाईकोर्ट के आदेश पर अभी दो महीने उक्त कंपनी ही कूड़ा उठाएगी। इसके बाद यदि नगर निगम प्रशासन संतुष्ट नहीं होता है ताे उसे
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कंपनी ने 2017 में शुरू किया था काम
फरीदाबाद और गुड़गांव को एक कलस्टर मानकर सरकार ने चाइनीज कंपनी ईको ग्रीन को शहर से डोर टू डोर कूड़ा उठाने का 2017 में समझौता किया था। समझौते के तहत नगर निगम कंपनी को एक हजार रुपए प्रति टन के हिसाब से भुगतान करता है। फरीदाबाद में कंपनी ने दिसंबर 2017 से कूड़ा उठाने का काम शुरू किया था। लेकिन सात साल बीत जाने के बाद भी पूरे शहर से शत प्रतिशत डोर टू डोर कूड़ा एकत्र नहीं कर पाई।
फरीदाबाद से 900 टन निकलता है कूड़ा
नगर निगम अधिकारियों की माने तो फरीदाबाद और गुड़गांव से हर रोज करीब 1800 टन से अधिक कूड़ा निकलता है। अकेले फरीदाबाद से करीब 850 से 900 टन कूड़ा निकलता है। डोर टू डोर कूड़ा एकत्रित करने के बाद कलेक्शन पाॅइंट तक पहुंचाना होता था। उसके बाद उसे बंधवाड़ी ले जाना होता है। लेकिन कंपनी अपने काम का रिजल्ट नहीं दे पाई।
ECCO ग्रीन की गाड़ी घरों से कूड़ा कलेक्शन करती हुई
जून में समझौता हुआ था कैंसिल
नगर निगम अधिकारियों की मानें तो कंपनी का सरकार से हुआ समझौता जून में कैंसिल कर दिया गया था। क्योंकि नगर निगम प्रशासन कंपनी के कामकाज से संतुष्ट नहीं था। इसी टर्मिनेशन के खिलाफ कंपनी हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मंगलवार को केस की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार को झटका देते हुए कंपनी के टर्मिनेशन प्रक्रिया को गलत बताया और कहा कि कंपनी को बिना दो महीने का समय दिए टर्मिनेट करना उचित नहीं है।
हाई कोर्ट ने कहा है कि अब यदि सरकार ईको ग्रीन को टर्मिनेशन नोटिस जारी करें तो कम से कम 2 महीने काम करने का समय दे। इससे कंपनी को अभी दो महीने तक काम करने का मौका मिल गया है। कंपनी के सीईओ नागार्जुन रेड्डी ने कहा कि सरकार काम कराना चाहे तो कंपनी आज भी काम करने को तैयार है।