फरीदाबाद जिले की नीमका जेल में बंद एक विचाराधीन कैदी की संदिग्ध परिस्थितियों में आज मौत हो गई। मृतक की पहचान 35 वर्षीय सोहनपाल के रूप में हुई है, जो पलवल जिले के गांव सुजवाड़ी का रहने वाला था। मौत के बाद परिजनों ने जेल प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन पर इ
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सुबह 4 बजे प्रशासन ने किया सूचित
जानकारी के अनुसार सोहनपाल को बीते 16 मई को रोडवेज विभाग के बल्लभगढ़ डिपो में डीजल की हेराफेरी के एक मामले में गिरफ्तार कर नीमका जेल भेजा गया था। वह हरियाणा रोडवेज विभाग में क्लर्क के पद पर कार्यरत था। परिजनों का कहना है कि उन्हें आज सुबह करीब 4 बजे जेल प्रशासन की ओर से फोन आया, जिसमें बताया गया कि सोहनपाल की तबीयत खराब हो गई है।
उसे फरीदाबाद के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
अस्पताल में कार्रवाई करते हुए पुलिस।
एक दिन पहले मिलकर आए थे पिता
सोहनपाल के पिता कृष्णपाल ने बताया कि वह एक दिन पहले ही अपने बेटे से जेल में मिलने गए थे। उस समय उसने हल्का बुखार होने की बात कही थी, लेकिन तबीयत गंभीर नहीं थी। उन्होंने कहा कि यदि जेल प्रशासन समय पर सही इलाज करता, तो आज उनका बेटा जीवित होता।
उन्होंने बताया कि आरोप लगने के बाद उन्होंने रोडवेज विभाग को 11 लाख रुपए जमा करा दिए थे और एक वरिष्ठ अधिकारी को 2.5 लाख रुपए रिश्वत भी दी थी। इसके बावजूद उनके बेटे को जेल भेजा गया।
इलाज में लापरवाही का आरोप
मृतक के परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि जेल प्रशासन ने समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया और अस्पताल में भी डॉक्टरों ने सही से इलाज नहीं किया। उनका कहना है कि अगर समय रहते इलाज किया जाता, तो सोहनपाल की जान बचाई जा सकती थी।
ड्यूटी मजिस्ट्रेट को रिपोर्ट सौंपी
सदर थाना बल्लभगढ़ के जांच अधिकारी राजेंद्र कुमार ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि नीमका जेल में बंद एक विचाराधीन कैदी की तबीयत खराब होने पर उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करते हुए ड्यूटी मजिस्ट्रेट को रिपोर्ट सौंप दी गई है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारणों की पुष्टि हो पाएगी।