बक्सर जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल की अध्यक्षता में समाहरणालय सभाकक्ष में आयोजित शिक्षा विभाग की समीक्षात्मक बैठक में बड़ा खुलासा हुआ है। एक ही प्रमाण पत्र पर 11 शिक्षकों को नियुक्ति दी गई। इनमें से लगातार अनुपस्थित 9 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
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बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि चौसा और ब्रह्मपुर के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी शिक्षक नियुक्ति में फर्जीवाड़े और अनुपस्थित शिक्षकों पर स्पष्ट जवाब नहीं दे सके। इसके चलते चौसा, सिमरी और ब्रह्मपुर के तीनों BEO का वेतन तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया। साथ ही उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
समाहरणालय सभाकक्ष में शिक्षा विभाग की समीक्षात्मक बैठक आयोजित
फर्जीवाड़ा साबित होने पर FIR के निर्देश
बैठक में उप विकास आयुक्त को निर्देश दिया गया कि नियोजन इकाइयों के लंबित मामलों का निष्पादन एक पक्ष में किया जाए। वहीं, जिन शिक्षकों पर फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्ति का आरोप सिद्ध हो चुका है, उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी और वेतन की वसूली की कार्रवाई भी की जाएगी।
जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देशित किया गया कि टोला सेवकों और तालीमी मरकज की गतिविधियों की भी जांच करें। अनियमितता मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
विद्यालय वाहनों में अनियमितता पर सख्त रुख
अवैध रूप से संचालित विद्यालय वाहनों की पहचान कर उनके खिलाफ भी सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। वाहन परिचालन अधिनियम के तहत कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
मॉडल स्कूल योजना पर भी उठे सवाल
समीक्षात्मक बैठक में एमपी उच्च विद्यालय, बक्सर को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित करने की योजना की समीक्षा की गई। विद्यालय के प्रधानाध्यापक संतोषजनक जवाब नहीं दे सके, जिससे नाराज होकर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है।
नोडल अधिकारी की नियुक्ति
मॉडल स्कूल परियोजना को सफल बनाने के लिए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (मध्याह्न भोजन) को एमपी हाई स्कूल के लिए नोडल पदाधिकारी नामित किया गया है। उन्हें विभागीय मानकों के अनुरूप स्कूल को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।