आगरा के चर्चित फर्जी शस्त्र लाइसेंस और अवैध हथियार मामले में रिटायर्ड असलहा बाबू संजय कपूर को हाईकोर्ट से राहत मिली है। विवेचक द्वारा जांच पूरी होने तक उनकी गिरफ्तारी नहीं होगी। विवेचना में सहयोग न करने पर इस आदेश को वापस लेने के लिए हाईकोर्ट में आवे
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इनके खिलाफ दर्ज कराया गया था मुकदमा एसटीएफ आगरा यूनिट में इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा ने 24 मई को नाई की मंडी थाने में धोखाधड़ी और आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे में मोहम्मद जैद खान, नेशनल शूटर मोहम्मद अरशद खान, राजेश कुमार बघेल, भूपेंद्र सारस्वत, शिव कुमार सारस्वत, शोभित चतुर्वेदी व रिटायर्ड असलहा लिपिक संजय कपूर को नामजद किया था।
रिटायर्ड असलहा लिपिक संजय कपूर।
सीएम से की गई थी शिकायत इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की गई थी। जिसके बाद जांच एसटीएफ को मिली थी। लगभग 10 महीने तक लंबी जांच के बाद मुकदमा दर्ज कराया गया था। इंस्पेक्टर ने अपनी जांच में प्रथम दृष्टया लाइसेंस में कई खामियां पकड़ी थीं। किसी की जन्म तिथि में हेराफेरी की थी तो किसी ने गलत शपथ पत्र प्रस्तुत किया था।
विदेशी हथियारों की नहीं थी रसीद इतना ही नहीं सबसे गंभीर आरेाप यह है कि आरोपियों में से जिनके पास विदेशी हथियार हैं, उनके पास उनकी कोई रसीद नहीं है। वे यह नहीं बता पा रहे हैं कि हथियार कहां से खरीदा था। मुकदमा दर्ज होने के बाद विवेचना इंस्पेक्टर एसटीएफ हुकुम सिंह को मिली। इस मामले में सबसे पहले आरोपित शोभित चतुर्वेदी ने मुकदमा खारिज कराने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर थी। उनकी याचिका खारिज हो गई थी।