बांग्लादेश के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए हिंदू संगठनों के सदस्य।
चंडीगढ़ और पंजाब के अमृतसर में आज बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ रोष मार्च निकाला गया। चंडीगढ़ में ये मार्च सेक्टर 17 प्लाजा और अमृतसर में ये मार्च श्री दुर्ग्याणा मंदिर से शुरू हुआ और जलियांवाला बाग तक चला। इस प्रदर्शन में चंडीगढ़
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सेक्टर 17 में उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए स्वामी श्यामानंद जी ने कहा कि पूरे विश्व में गद्दारी की मिसाल देखनी है तो वह बांग्लादेश है। जिस बांग्लादेश को बनाने के लिए भारत के हजारों सैनिकों ने अपना बलिदान दिया, कुर्बानी दी, भारत की जनता ने घर घर से एक ₹1 इकट्ठा कर तन मन धन से 1971 में मदद की, चांदी की थाली में सजाकर बांग्लादेश बनकर दिया, वह बांग्लादेश आज बांग्लादेशी हिंदुओं पर घोर अत्याचार कर रहा है।
हिंदू इस्कॉन मंदिरों को नष्ट किया जा रहा है जलाया जा रहा है, हिंदुओं और गायों की हत्या की जा रही है भारत के रहमो कर्म पर रहने वाला बांग्लादेश से अब याचना नहीं सिर्फ़ रण होना चाहिए , उसकी औकात दिखा देने का समय आ चुका है।
चंडीगढ़ सेक्टर 17 में किया गाय प्रदर्शन।
सेक्टर 40 में करवाया गया हवन
बांग्लादेश में साम्प्रदायिक हिंसा में 100 से अधिक हिन्दुओं की मौत हो चुकी है। इनकी आत्मा की शांति के निमित्त आज श्री हनुमंत धाम, सेक्टर 40-बी में नारी जागृति मंच व पिंक ब्रिगेड द्वारा की ओर से 108 गायत्री मंत्रों के उच्चारण के साथ महायज्ञ किया गया एवं साथ ही हिंदुओं पर अत्याचार एवं हिन्दू मंदिरों को ध्वस्त करने के प्रति रोष भी व्यक्त करते हुए कड़ी निंदा की गई।
इस अवसर पर प्रधान नीना तिवारी ने कहा कि यह एक बहुत ही दुख की बात है कि हमारे हिंदुओं पर अत्याचार किए जा रहे हैं तथा उन्हें निर्दयता से मारा जा रहा है। हमारे हिंदू संतो को बिना किसी कारणवश जेल में बंद कर दिया गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रार्थना की कि वह इस समस्या का समाधान निकालें और जेल में बंद हिन्दू संत-महात्माओं को बाइज्जत बरी करवाया जाए
हवन में आहूतियां डालते हुए।
बांग्लादेशियों को भारत से निकालने की उठी मांग
इस मौके पर दुर्ग्याणा मंदिर कमेटी की अध्यक्ष प्रोफेसर लक्ष्मी कांता चावला ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की सख्त निंदा की जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में करीब दो करोड़ बांग्लादेशी अवैध रूप से रह रहे हैं, जो भारत का खा रहे हैं लेकिन भारतीयों पर अत्याचार कर रहे हैं। अगर बांग्लादेश में अत्याचार बढ़ रहा है तो इन्हें भी भारत से वापस भेज देना चाहिए।
इस रोष मार्च में संत समाज, धार्मिक संस्थानों, राजनीतिक पार्टियों और विभिन्न हिंदू संगठनों के हजारों लोगों ने भाग लिया। सभी ने बांग्लादेश में हिंदुओं के प्रति हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई और “भारत माता की जय” के नारे लगाए।
बांग्लादेश के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए हिंदू।
बांग्लादेश को सबक सिखाने का समय आ गया
प्रोफेसर चावला और अन्य हिंदू संगठनों के नेताओं ने केंद्र सरकार से अपील की कि अब बांग्लादेश को सख्त सबक सिखाने का समय आ गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि बांग्लादेश अपनी हरकतों से बाज नहीं आया, तो भारत को इसे देश नक्शे से मिटाने से भी पीछे नहीं हटेना चाहिए।