बक्सर के चौसा में खरवार जनजाति ने परंपरागत सरहुल पूजा का आयोजन किया। आदिवासी बहरवार पूजा समिति के अध्यक्ष वीर बिहारी खरवार के नेतृत्व में हुए इस कार्यक्रम में श्रद्धालुओं ने प्रकृति की पूजा-अर्चना की।
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पूजा अनुष्ठान का संचालन ललन खरवार ने किया। मुख्य अतिथि और पीडब्ल्यूडी के सेवानिवृत्त एसडीओ राजेंद्र प्रसाद खरवार ने कहा कि सरहुल पूजा आदिवासी समाज का महत्वपूर्ण पर्व है। यह प्रकृति के प्रति आस्था और संरक्षण का संदेश देता है। उन्होंने आदिवासी समुदायों से अपनी संस्कृति और परंपराओं को बचाए रखने का आग्रह किया।
प्रदेश अध्यक्ष राजू खरवार ने कहा कि सरहुल पूजा प्रकृति संरक्षण से जुड़ी है। पूजा के बाद सखुआ का पौधा लगाया गया। सभी सदस्यों से हर साल कम से कम एक पौधा लगाने का आग्रह किया गया।
आदिवासी गीत-संगीत और पारंपरिक नृत्य की दी प्रस्तुति
कार्यक्रम में आदिवासी गीत-संगीत और पारंपरिक नृत्य की प्रस्तुति हुई। त्रिलोकीनाथ खरवार, बड़क खरवार, रामा खरवार समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। आयोजन समिति ने सभी को पारंपरिक रीति-रिवाजों को बनाए रखने और अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का संकल्प दिलाया।
इस तरह सरहुल पूजा धार्मिक आस्था के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण का संदेश देकर खत्म हुई।