Monday, June 9, 2025
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बच्चे को जिंदा जलाकर मार डाला…हत्यारे को फांसी: कोर्ट बोला-ऐसे लोग समाज में रहने योग्य नहीं, दोषी बोला-मैंने नहीं मारा, कोई सबूत नहीं है – Raipur News


रायपुर के उरला इलाके में ढाई साल पहले 4 साल के बच्चे को किडनैप कर जिंदा जलाकर मार डाला। हत्यारा पंचराम मासूम की मां से एकतरफा प्यार करता था, लेकिन वह ध्यान नहीं देती थी। महिला को सबक सिखाने के लिए वारदात को अंजाम दिया। अब रायपुर रायपुर जिला एवं अपर स

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इस दौरान कोर्ट ने कहा कि ऐसे लोग समाज में रहने योग्य नहीं हैं, इसलिए सजा-ए-मौत दी जाती है। पंचराम ने हर्ष के साथ उसके बड़े भाई को भी जलाकर मारने की साजिश रची थी। वह दोनों को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जा रहा था, लेकिन बड़े भाई ने जाने से मना कर दिया, जिससे उसकी जान बच गई।

आरोपी पंचराम ने 4 साल के मासूम हर्ष को 2 साल पहले जिंदा जला दिया था।

दोनों हाथ बांधे जज के ऑर्डर को सुन रहा था हत्यारा

रायपुर जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जब हत्यारे को कोर्ट रूम में सजा सुना रहे थे, तब अपराधी हाथ बांधकर जज का आदेश सुन रहा था। पंचराम जब कोर्ट आया तो उसके पैरों में चप्पल थी, लेकिन पंचराम गेंड्रे को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद वह अपनी चप्पल कोर्ट रूम के बाहर ही छोड़ गया।

मृत्युदंड की सजा होने के बाद दोषी पंचराम गेंड्रे ने अपनी चप्पल कोर्ट रुम के बाहर छोड़ दी।

मृत्युदंड की सजा होने के बाद दोषी पंचराम गेंड्रे ने अपनी चप्पल कोर्ट रुम के बाहर छोड़ दी।

सजा-ए-मौत के बाद हत्यारा बोलता रहा झूठ

मृत्युदंड की सजा के बाद जब दोषी पंचराम गेंड्रे से बात की गई तो वह लगातार झूठ कहता रहा। उसने कहा कि मैंने कुछ नहीं किया है। पुलिस ने पकड़कर अंदर कर दिया है। मेरे साथ हर्ष नाश्ता करने गया था, इतना ही है। मारते हुए किसी ने नहीं देखा, कोई सबूत नहीं है।

बच्चे को किसने मारा मैं नहीं कह सकता। बच्चे की बॉडी भूमौरी से बरामद की गई। जब दोषी से कहा गया कि तुम झूठ क्यों बोल रहे हो तो वह कहने लगा कि मैं उस समय नागपुर में था।

बड़े भाई की गवाही अहम रही

सजा सुनाए जाने के बाद उसे पुलिस वारंट पर रायपुर सेंट्रल जेल ले जाया गया। मामले की सुनवाई ढाई साल तक चली और 19 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। केस में हर्ष के बड़े भाई दिव्यांश का बयान सबसे अहम रहा।

पीड़ित पक्ष के वकील ने बताया कि 2 महीने पहले बड़े भाई का कोर्ट रूम में बयान हुआ था। जिस समय यह बयान लिया जा रहा था, उस समय आरोपी पंचराम को कोर्ट लाया गया। पंचराम को देखकर बच्चा डर गया और सहमकर चुप हो गया।

जज ने दिव्यांश से पूछा कि तुम पंचराम से डर रहे हो तो उसने अपना सिर हिलाकार हां कहा। बच्चे को डरा देख उसे आधे घंटे कोर्ट रुम में रिलैक्स करने के लिए बाहर रखा गया था। बाद में दिव्यांश ने जज को पूरी बातें बताई थी।

वारदात के दौरान मासूम के माता-पिता की तस्वीर (फाईल)

वारदात के दौरान मासूम के माता-पिता की तस्वीर (फाईल)

माता पिता बोले- ऐसे हैवान को फांसी ही होनी चाहिए

कोर्ट से दोषी को सजा सुनाए जाने के बाद दैनिक भास्कर ने हर्ष के माता-पिता से बातचीत की। हर्ष के पिता जयेंद्र ने कहा कि आज हमें इंसाफ मिला है। पिता ने कहा कि इस तरह के हैवान को फांसी की सजा ही होनी थी। वहीं हर्ष की मां से जब बात की गई तो वह रोते हुए अपने बेटे का नाम पुकारने लगी।

ये है पूरा मामला

उरला में रहने वाला निवासी पंचराम गेंड्रे (38) मजदूरी करता था। वह अपनी मां के साथ रहता था। उसके पड़ोस में जयेंद्र चेतन का घर था। पंचराम का जयेंद्र के घर आना जाना था। इस दौरान वह जयेंद्र की पत्नी को पसंद करने लगा, लेकिन वह उसके बच्चों से नफरत करता ​था, क्योंकि जयेंद्र की पत्नी दोनों बच्चों दिव्यांश और हर्ष की देखभाल में व्यस्त रहती थी।

उसने महिला का साथ पाने के लिए बच्चों की हत्या की साजिश रची। इसी साजिश के तहत 5 अप्रैल 2022 की सुबह 10 बजे वह जयेंद्र के घर गया। उस समय जयेंद्र काम पर गया था। पंचराम हर्ष और दिव्यांश को घुमाने का झांसा देकर अपने साथ ले गया।

दोनों भाइयों को वह करीब आधे घंटे तक उरला इलाके में बाइक पर घुमाता रहा, फिर दोनों को नहाने के लिए नदी पर चलने को कहा। दिव्यांश ने मना कर दिया और घर छोड़ने के लिए कहने लगा। बाद में पंचराम दिव्यांश को दरवाजे पर छोड़ गया, लेकिन हर्ष साथ चला गया।

इसी दिन दोपहर को जयेंद्र चेतन और उसकी पत्नी थाने पहुंचे। उन्होंने शिकायत की कि सुबह 10 बजे से उनका चार साल का बेटा हर्ष गायब है। उसे पड़ोसी पंचराम अपने साथ ले गया था। वह लौटकर नहीं आया है। तब हर्ष की तलाश शुरू की गई। एक टीम पंचराम के घर भेजी गई।

पंचराम की मां ने बताया कि वह सुबह से गया था, तब से लौटा नहीं। तब साफ हो गया कि बच्चा पंचराम के साथ ही है। सीसीटीवी कैमरे, मोबाइल लोकेशन में पंचराम का पता लग गया। पता चला कि वह नागपुर पहुंच गया है। वहां छापा मारकर उसे पकड़ लिया गया। उसने पूछताछ में कबूल किया कि उसने हर्ष को पेट्रोल से जलाकर मार दिया है।

बाद में घटनास्थल से हर्ष के अवशेष बरामद किए गए। डीएनए टेस्ट में साबित हो गया कि वह हर्ष ही था। इसमें 19 लोगों के गवाह बनाया गया। दिव्यांश ही घटना का प्रत्यक्षदर्शी था। उसने पूरी घटना के बारे में बताया। उसी के बयान पर दोषी को फांसी की सजा हुई है।

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रायपुर के उरला इलाके में हुए किडनैपिंग केस में एक नया खुलासा हुआ है। घटना को अंजाम देने वाले आरोपी पंचराम ने बताया है कि वह बच्चे की मां से प्यार करता था। मां को हासिल करना चाहता था। इसी मकसद से बच्चे को रास्ते से हटाने के लिए उसने 4 साल के हर्ष को किडनैप किया। घर से दूर ले गया और जिंदा जलाकर भाग गया। यहां पढ़िए पूरी खबर…



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