Thursday, December 26, 2024
Thursday, December 26, 2024
Homeराज्य-शहर'बच्चों में इन्फेक्शन पर सीमित हो एंटीबायोटिक डोज': NCPID-2024 में बोले...

‘बच्चों में इन्फेक्शन पर सीमित हो एंटीबायोटिक डोज’: NCPID-2024 में बोले डॉ. बकुल पारीख; एक्सपर्ट ने बताया- निमोनिया की 2 वजह इन्फेक्शन और धुआं – Indore News


अंतिम दिन बच्चों की सेहत से जुड़े 20 से ज्यादा विषयों पर हुई चर्चा हुई।

आजकल हम एंटी बायोटिक का उपयोग बहुत ज्यादा हो रहा है। इससे इसका असर कम हो रहा है। ऐसे में संभव है कि नेक्स्ट जनरेशन के लिए एंटीबायोटिक बचे ही न। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि बच्चों में संक्रमण की स्थिति में जरूरत होने पर बहुत ही संतुलित मात्रा में एंटीबा

.

यह बात 26वीं नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ पीडियाट्रिक इंफेक्शियस डिसीज (NCPID-2024) में ‘इन्फेक्शियस मिमिक्स एंड एंटी बायोटिक टुवर्ड इट’ विषय पर मुंबई से आए सीनियर पीडियाट्रिशियन डॉ. बकुल पारीख ने कही।

उन्होंने बताया कि बच्चों में सर्दी-खांसी और दस्त बहुत सामान्य बीमारी है। इसमें तब तक एंटीबायोटिक्स की जरूरत नहीं है जब तक कि बच्चे को तेज बुखार, खांसी के साथ सांस फूलना या फिर मोशन में ब्लड जाने जैसे लक्षण दिखाई न दें।

इन बेसिक प्रिंसिपल्स को ध्यान में रखते हुए हम एंटीबायोटिक्स के जरूरत से ज्यादा उपयोग को रोक सकते हैं।

कॉन्फ्रेंस में शामिल देशभर के एक्सपर्ट्स।

काॅन्फ्रेंस के अंतिम दिन बच्चों की सेहत से जुड़े 20 से ज्यादा विषयों पर हुई चर्चा हुई। ऑर्गेनाइजिंग चेयरमैन डॉ. जेएस टूटेजा ने कहा कि काॅन्फ्रेंस से सिर्फ इंदौर ही नहीं बल्कि आसपास के क्षेत्रों के डॉक्टर्स को भी लाभ हुआ है।

ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. केके अरोरा ने कहा कि मध्य प्रदेश में बाल मृत्यु दर अधिक है। 13 साल बाद यह कॉन्फ्रेंस मध्य प्रदेश में हुई है। इससे प्रदेश में बाल मृत्यु दर को कम करने में मदद मिलेगी।

धुएं से बढ़ती हैं निमोनिया की समस्या

इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ कोलकत्ता से आए सीनियर पीडियाट्रिशियन डॉ. जयदीप चौधरी ने बताया कि सेमिनार में एंटी बायोटिक का उपयोग कम कैसे किया जाए, निमोनिया को कैसे कम करें, निमोनिया में एंटी बायोटिक का यूज कैसे करें, इन विषयों पर चर्चा की। बच्चो में निमोनिया होने प्रमुख कारण इंफेक्शन है जो किसी को भी हो सकता है। निमोनिया होने की दूसरी वजह धुआं है। अगर घर में चूल्हा जलता है या सिगरेट पीते हैं तो बच्चों में निमोनिया की आशंका बढ़ जाती है।

उन्होंने बताया कि अत्यधिक तेल मालिश, नाक में तेल डालने या सफाई के लिए मुंह में अंगुली या कपड़ा डालने से भी बच्चों में इंफेक्शन का खतरा होता है। इससे निमोनिया ट्रिगर हो सकता है। अकसर देखा जाता है कि न्यू बोर्न बेबीज को बहुत ज्यादा गर्म कपड़े पहनाए जाते हैं।

यदि इससे बच्चों को पसीना आ रहा है तो उससे भी इंफेक्शन का खतरा होता है। बच्चों को जरूरत से ज्यादा गर्म कपड़े भी न पहनाएं। इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर लोग न्यू बोर्न बेबी की देखभाल बहुत अच्छे तरीके से कर सकते हैं।



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular