नगर निगम महापौर माधुरी अतुल पटेल पर विपक्ष ने आरोप लगाए थे कि उनकी यात्रा और वाहन खर्च पर 1.66 करोड़ रूपए खर्च हुए हैं। इसके बाद महापौर ने अपना सरकारी वाहन नगर निगम को वापस लौटा दिया, लेकिन नगर निगम ने इसे लिपिकीय त्रुटि बताया है। इसके साथ ही आयुक्त क
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उसमें एक हेड के सामने यह राशि आ गई थी जो कि महापौर का अकेले का खर्च नहीं है, बल्कि पूरे नगर निगम के वाहनों खर्च है। वहीं इसे लेकर आयुक्त संदीप श्रीवास्तव ने लेखा शाखा प्रभारी शैलेश गुप्ता को कारण बताओ नोटिस जारी किया है जबकि दो कर्मचारियों को प्रभार से हटाकर दूसरे विभाग में भेज दिया है।
इसे लेकर उपायुक्त व प्रभारी फाइनेंस शैलेश गुप्ता ने कहा-बजट के हेड में गलती हुई है। यह वर्गीकृत न होते हुए एक ही जगह महापौर के सामने के कॉलम में लिखा गया था। खर्च 1.66 करोड़ दिखाया गया है जो गलती से हुआ है। नगर निगम में नगरीय प्रशासन विभाग की ओर से एक एजेंसी रहती है जो जानकारी उन्हें दी जाती है वह फीड की जाती है।
निगम लेखा शाखा की ओर से जानकारी दी जाती है। वह अपने तरफ से फीड करते हैं। हालांकि, इसमें लिपिकीय त्रुटि हुई है। उनके की ओर 100 से अधिक पेज का बजट बनाया गया था। वाहन खर्च के सामने सभी वाहनों के खर्च की बजाए महापौर का वाहन खर्च 1.66 करोड़ दर्शा दिया गया था। बजट प्रस्तुत नहीं हो पाया और विपक्ष ने मुद्दा बना लिया। हमारे पास इसके पुख्ता प्रमाण हैं। आयुक्त ने मुझे कारण बताओ नोटिस दिया है। साथ ही विभाग में परिवर्तन किया गया है।
आयुक्त ने बदले कर्मचारियों के विभाग
आज (मंगलवार) को नगर निगम आयुक्त संदीप श्रीवास्तव ने लेखा शाखा वित्त को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। बसंत पाटिल की जगह संजय शाह को फाइनेंस शाखा में लिया गया। जबकि वाहन शाखा से प्रेम कुमार साहू को हटाकर उनके स्थान पर सहायक यंत्री अशोक पाटिल को प्रभार दिया गया है।
आयुक्त बोले- जो व्यय हुए वह निगम की पूरी परिवहन व्यवस्था के हैंं
इसे लेकर नगर निगम आयुक्त संदीप श्रीवास्तव ने कहा बजट के हेड में जो राशि थी वह सही तरीके से प्रदर्शित नहीं हो पाई। वाहनों पर व्यय होने वाली राशि एक ही हेड में आ गई। यह लिपिकीय त्रुटि है। लेखाधिकारी ने वेरीफाई नहीं की। उनको नोटिस जारी किया है। लेखापाल को दूसरे विभाग में भेज दिया है। वाहन शाखा में भी प्रभार बदले हैं।
परिषद की बैठक में बिंदुओं पर चर्चा हुई थी। जो व्यय हैं वह निगम के समस्त वाहनों पर होने वाला व्यय है। यह खर्च साल 2022-23 का है जो कचरा गाड़ी, जेसीबी, ट्रैक्टर ट्राली सहित अन्य वाहनों का है। पूरे नगर निगम की परिवहन व्यवस्था का खर्च है। महापौर ने वाहन लौटाया है। उनका कहना है कि पहले पूरी स्थिति स्पष्ट कर ली जाए।