बड़वानी शहर में रविवार शाम भूकंप के झटके महसूस किए गए। नर्मदा नदी से 5 किलोमीटर दूर स्थित शहर में शाम 5 से 5.15 बजे के बीच करीब डेढ़-दो मिनट तक कंपन महसूस किया गया।
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स्थानीय भूकंप केंद्र की एमईक्यू मशीन ने भूकंप की तीव्रता 2.8 रिक्टर स्केल दर्ज की। भूकंप केंद्र के ऑपरेटर हुकुम कुमार के अनुसार, केंद्र की मशीन 40 से 50 किलोमीटर के दायरे में होने वाली जमीनी हलचल को रिकॉर्ड करती है।
शहर के निवासी अजय कानूनगो के घर में उनकी पत्नी ने कंपन का अनुभव किया। उनके भाई अवधेश कानूनगो के घर में बर्तन गिरने लगे। व्यवसायी हेमंत अग्रवाल ने अपने कार्यालय में छत के पंखे को हिलते हुए देखा।
विशेषज्ञों के अनुसार, रिक्टर स्केल पर 4 या उससे कम तीव्रता के भूकंप से कोई नुकसान नहीं होता। 5.5 या उससे अधिक तीव्रता के भूकंप इमारतों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। 7.0 या उससे अधिक तीव्रता के भूकंप गंभीर क्षति का कारण बन सकते हैं।
आलीराजपुर में रविवार शाम 5 बजकर 10 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। भोपाल मौसम विभाग के मुताबिक रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.5 रही। केंद्र 10 किमी गहराई पर था। भूकंप से आलीराजपुर के अलावा धार और बड़वानी की तहसीलें सोंडवा, डही और पाटी शामिल हैं।
हालांकि, आलीराजपुर कलेक्टर डॉ. अभय अरविंद बेडेकर ने भूकंप की पुष्टि नहीं की है।
भूकंप क्यों आता है?
हमारी धरती की सतह मुख्य तौर पर 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है और इस डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।


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एक दिन पहले शनिवार को मुलताई में भूकंप से पंखा हिलने लगा था।
बैतूल जिले के मुलताई में शनिवार रात 9.30 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इसकी 2.8 तीव्रता थी। 5 किमी गहराई तक इसका प्रभाव देखा गया। लोगों ने पंखे और फर्नीचर को हिलते देखा। इसके बाद वे घबराकर घरों से बाहर निकलकर आ गए। पढ़ें पूरी खबर…