नए अपराधिक कानूनों की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और अधिकारी।
प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में जमीन की बढ़ती कीमतों के चलते जमीन विवाद बढ़ सकते हैं। ऐसी स्थिति में पुलिस के साथ राजस्व विभाग को भी एक्टिव रहना होगा। साथ ही दोनों विभागों में को-आर्डिनेशन भी प्रॉपर रहना चाहिए, ताकि ऐसे मामलों पर कार्रवाई में देरी की स्थि
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उन्होंने कहा कि पुलिस, जेल, अभियोजन, न्यायिक एवं फोरेंसिक कर्मचारियों को घटनाओं के बाद कानूनी प्रक्रिया पूरी कराने के लिए नई टेक्निक से अपडेट होना भी जरूरी है। बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन और गृह विभाग के अफसर मौजूद थे। उन्होंने कहा कि अचल संपत्ति संबंधी अपराधों पर नियंत्रण के लिए पुलिस के साथ राजस्व का अमला भी सजग और सतर्क रहे, साथ ही दोनों विभागों में परस्पर समन्वय भी हो।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों सहित जिन क्षेत्रों में भूमि की दरें तेजी से बढ़ रही हैं, वहां विशेष सजगता बरती जाए। वर्तमान चुनौतियों को ध्यान में रखकर बनाए गए नए आपराधिक कानून, भारतीय न्याय प्रणाली को अधिक लोकतांत्रिक बनाने की दिशा में मजबूत कदम है। सभी के लिए अधिक सुलभ, सहायक और कुशल न्याय प्रणाली तय करने के उद्देश्य से बने इन कानूनों और नवीन प्रक्रियाओं की जानकारी जन-जन तक पहुंचाना आवश्यक है।
न्याय प्रणाली से जुड़ी सभी संस्थाओं में अपडेट व्यवस्था लागू करते हुए जन-सामान्य को नई धाराओं और प्रक्रियाओं से शीघ्र अवगत कराने नए आपराधिक कानूनों के बारे में जागरुकता गतिविधियां संचालित की जाएं।
चार विभागों में नई टेक्नालॉजी पर हो फोकस
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पुलिस, जेल, अभियोजन, न्यायिक एवं फोरेंसिक कर्मियों के बीच अपडेट तकनीक के उपयोग का प्रशिक्षण दिए जाने का प्रबंध किया जाए। सभी हितधारकों में हर स्तर पर बेहतर समन्वय जरूरी है। हर स्तर पर आवश्यक व्यवस्था, उपकरण और भौतिक संसाधनों की उपलब्धता प्राथमिकता के आधार पर लागू की जाएं।
न्यायश्रुति साफ्टवेयर से होगी वीडियो कांफ्रेंसिंग
बैठक में बताया गया कि समयावधि में चालान के लिए नया डैशबोर्ड उपलब्ध है। ई-साक्ष्य की प्रक्रिया भी आरंभ की जा चुकी है। पुलिस थानों तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए न्यायश्रुति सॉफ्टवेयर तैयार कर लिया गया है और थानों व कंट्रोल रूम में साउंड प्रूफ कक्ष चिन्हित किए जा रहे हैं। ऑनलाइन समन, वारंट मॉड्यूल के अंतर्गत गतिविधियां प्रगति पर हैं।
तीन माह में 50 फीसदी वारंट इलेक्ट्रानिकल तकनीक से हुए तामील
सीएम को जानकारी दी गई कि पिछले तीन महीने में 50 प्रतिशत से अधिक वारंट तिथि से पहले इलेक्ट्रानिक रूप से तामील किए गए। इनकी मॉनीटरिंग के लिए सभी जिलों में सेल गठित किए जा चुके हैं। डिजिटल इन्वेस्टिगेशन के लिए टेबलेट्स और लाइव स्कैनर थानों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। बैठक में डिजिटल धोखाधड़ी, डेटा चोरी जैसे सायबर अपराधों के बारे में जागरूकता के लिए की गई पहल की भी जानकारी दी गई।