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अतिशय क्षेत्र बरासों तीर्थ में सुमेरू पर्वत का शिलान्यास सौभाग्य की बात है। कई जन्मों के पुण्य के बाद ऐसे अवसर पर सहभागी बनने का सौभाग्य मिलता है। मप्र सरकार भी आध्यात्म और संस्कृति को बढ़ावा देने का काम कर रही है, जिससे आने वाले समय में विश्व भारत के आध्यात्म की शक्ति से परिचित होगा। रविवार को बरासों तीर्थ स्थल पर आयोजित हो रहे पंचकल्याणक महोत्सव के समापन अवसर पर सुमेरू पर्वत शिलान्यास के दौरान यह बात सीएम डॉ मोहन यादव ने कार्यक्रम में वर्चुअल शामिल होते हुए कही। इस अवसर पर आचार्य सुबल सागर महाराज, दंदरौआ संत रामदास महाराज, कैबिनेट मंत्री राकेश शुक्ला, भाजपा जिलाध्यक्ष देवेंद्र नरवरिया और कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव लु मौजूद रहे।
रविवार को तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी की समवशरण स्थली बरासों तीर्थ पर आयोजित हो रहे पंचकल्याण महोत्सव में 414 फुट ऊंचे सुमेरू पर्वत का शिलान्यास किया गया। आचार्य सुबल सागर महाराज की उपस्थिति में आयोजित कार्यक्रम में सुमेरू पर्वत के शिलान्यास में कलश स्थापना के लिए देश के अलग अलग कोने से आए जैन धर्म अनुयायियों ने बोली लगाई। कार्यक्रम में वर्चुअल जुड़े सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा कि बरासों तीर्थ स्थल भगवान महावीर के तीन बार समवशरण करने से पवित्र हुआ है। यहां आध्यात्म और संस्कृति कण कण में व्याप्त है। सीएम ने कहा कि चंबल अपनी शुद्धता और सद्भाव के लिए पहचाना जाता है। इसलिए बरासों तीर्थ स्थल के निर्माण का जो संकल्प संतों ने लिया है उसे पूरा करने में मप्र सरकार भरपूर सहयोग करेगी।
गो संरक्षण के लिए दूध पर सब्सिडी: पंचकल्याणक महोत्सव कार्यक्रम में सुमेरू पर्वत शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा कि बरासों में गौ संरक्षण के लिए गौशाला निर्माण कराने का जो संकल्प आचार्य सुबल सागर महाराज ने लिया है, उस दिशा में मप्र सरकार भी काम कर रही है। उन्होंने बताया कि मप्र में गौ पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार अनाज की तरह दूध पर भी 5 रुपए प्रति लीटर सब्सिडी देने की योजना तैयार कर रही है। सीएम ने कहा कि दुग्ध उत्पादन में मप्र तीसरे नंबर पर आता है। इसे पहले स्थान पर लाने के लिए गौ संरक्षण और पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
शिलान्यास का लाइव प्रसारण: तीर्थ क्षेत्र बरासों में 10 से 16 मार्च तक भव्य पंचकल्याणक महोत्सव आयोजित किया गया। जिसमें 414 फुट 41 मंजिल अलौकिक सुमेरू पर्वत का शिलान्यास किया गया। उक्त कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से आए जैन श्रद्धालुओं ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। सुमेरू पर्वत के शिलान्यास के लिए पंडाल में आचार्य सुबल सागर महाराज की उपस्थिति में कलश रखने के लिए भक्तों ने जमकर बोली लगाई।