बरेली में मदरसे के स्थानांतरण करने के प्रस्ताव के बदले अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कार्यालय में एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी गई। रिश्वत नहीं देने पर लंबे समय से मदरसा संचालक को बाबू टहलाते रहे। काफी अनुरोध करने पर बाबू किस्तों में रिश्वत लेने को तैयार ह
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मदरसे के स्थानांतरण के लिए मांगी एक लाख की रिश्वत
अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक वक्फ मोहम्मद आसिफ को सतर्कता अधिष्ठान बरेली की टीम ने 18000 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। शिकायतकर्ता आरिश से मदरसा मंजूरिया अख्तरूल उलूम राजपुरा बहेड़ी से ग्राम बसुधरन जागीर में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी लखनऊ को प्रेषित करने के वरिष्ठ सहायक मोहम्मद आसिफ ने एक लाख रुपए की डिमांड की। इसके बाद आरिश ने मोहम्मद आसिफ से काफी अनुरोध किया तो मोहम्मद आसिफ ईएमआई पर रिश्वत लेने को राजी हो गया।
मई में किया था आवेदन, 6 महीने से टहला रहा था वरिष्ठ सहायक
शिकायतकर्ता आरिश ने मई में मदरसे के स्थानांतरण के लिए आवेदन किया था। लेकिन अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के कार्यालय में में बिना सुविधा शुल्क के फाइल धूल फांकती रही। आरिश जब बहुत परेशान हो गया तो उसने विजिलेंस कार्यालय में लिखित शिकायत की। जिसके बाद विजिलेंस की टीम ने जाल बिछाया और वरिष्ठ सहायक मोहम्मद आसिफ को रंगे हाथों गिरफ्तार कर किया।
पहली किस्त में 18 हजार रुपए लेते हुआ गिरफ्तार
विकास भवन स्थित अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के कार्यालय में विजिलेंस टीम प्रभारी चिंतामणि शर्मा के साथ अन्य सिपाही सादी वर्दी में पहुंचे और जैसे ही मोहम्मद आसिफ ने रिश्वत की पहली ईएमआई 18000 रुपए ली। फौरन टीम ने उसे धर दबोचा। रिश्वतखोर बाबू के खिलाफ विजिलेंस थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और उसे जेल भेजा जा रहा है।