छत्तीसगढ़ में नौकरी से हटाए गए B.Ed सहायक शिक्षकों ने बुधवार को बीजेपी कार्यालय का घेराव कर दिया।बर्खास्त सहायक शिक्षकों ने बीजेपी कार्यालय में प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी करते हुए अपनी गिरफ्तारी दी। जिसके बाद सरकार ने सहायक शिक्षकों के समायोजन औ
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नवा रायपुर के तूता धरना स्थल में B.Ed अभ्यर्थी सहायक शिक्षक अपनी नौकरी बचाने के लिए पिछले 13 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। कोर्ट के फैसले के बाद प्रदेश में सहायक शिक्षक के पद से 2900 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है।
बर्खास्तगी की कार्रवाई से इनमें काफीआक्रोश है। भाजपा कार्यालय पहुंचकर बीएड सहायक शिक्षकों ने साय सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, प्रदर्शन की सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को हटाया।
प्रदर्शन कर रहे सहायक शिक्षकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
इससे पहले अभ्यर्थी जल सत्याग्रह, सामूहिक मुंडन के अलावा हवन, इच्छा-मृत्यु की मांग, तेलीबांधा तालाब की सफाई कर ये प्रदर्शनकारी अपना विरोध जता चुके हैं।
इसके अलावा वित्त मंत्री ओपी चौधरी के बंगले जाकर उनसे मिलने की भी कोशिश की लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई। ऐसे में बीजेपी कार्यालय का घेराव कर विरोध जताया गया।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनेगी कमेटी
बीजेपी दफ्तर के बाहर नौकरी से निकाले जाने की आशंका पर सरकार ने, समायोजन और अन्य संभावनाओं के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय प्रशासनिक कमेटी बनाने का फैसला लिया है।
B.Ed मामले में जानिए अब तक क्या हुआ
- पहले निकाली गई अनुनय यात्रा
बीएड सहायक शिक्षकों ने 14 दिसंबर को अंबिकापुर से रायपुर तक पैदल अनुनय यात्रा शुरू की गई थी। रायपुर पहुंचने के बाद 19 दिसंबर से यात्रा धरने में बदल गई। इस दौरान शिक्षकों ने सरकार और जनप्रतिनिधियों को अपनी पीड़ा सुनाने के लिए पत्र भी भेजे।
धरना स्थल पर लगाया ब्लड डोनेशन कैंप
धरना प्रदर्शन शुरू होने के बाद, शिक्षकों ने 22 दिसंबर को धरना स्थल में ही ब्लड डोनेशन कैंप लगाया। इस शिविर में शिक्षकों ने रक्तदान कर सरकार तक यह संदेश पहुंचाया कि वे समाज और देश की भलाई के लिए समर्पित हैं और शांतिपूर्ण तरीके से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
शिक्षकों ने कराया सामूहिक मुंडन
26 दिसंबर- आंदोलन में बैठे सहायक शिक्षकों ने अपनी मांगों की तरफ सरकार का ध्यान खींचने के लिए सामूहिक मुंडन कराया। पुरुषों के साथ महिला टीचर्स ने भी अपने बाल कटवाए। कहा, ये केवल बालों का त्याग नहीं बल्कि उनके भविष्य की पीड़ा और न्याय की आवाज है।
28 दिसंबर- आंदोलन पर बैठे शिक्षकों ने मुंडन के बाद यज्ञ और हवन करके प्रदर्शन किया। कहा कि,यदि हमारी मांगे नहीं मानी गईं, तो आगे सांकेतिक सामूहिक जल समाधि लेने को मजबूर होंगे।
29 दिसंबर- आदिवासी महिला शिक्षिकाओं ने वित्त मंत्री ओपी चौधरी से मुलाकात की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। 2 घंटे तक बंगले के सामने मुलाकात के लिए डटे रहे।
30 दिसंबर –पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर लेकर जल सत्याग्रह किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे अपनी मांगों को लेकर अटल हैं। सरकार तक ये संदेश देना चाहते हैं कि सुशासन में हमारी नौकरी भी बचा ली जाए और समायोजन किया जाए।