पवन तिवारी | बलरामपुर2 मिनट पहले
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बलरामपुर के ग्राम पंचायत शेखूइया में बाल मजदूरी का मामला सामने आया है। एक वीडियो में चार नाबालिग बच्चे अस्थायी गौशाला में गोवंश चराते नजर आ रहे हैं। बच्चों ने वीडियो में बताया कि ग्राम प्रधान ने उन्हें यह काम दिया है। इसके लिए उन्हें मात्र 100 रुपए प्रतिदिन मिल रहे हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि यह बाल श्रम कानून का खुला उल्लंघन है। साथ ही बच्चों को उनके हक की सरकारी योजनाओं से भी वंचित किया जा रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार, ग्राम प्रधान दबंग प्रवृत्ति का व्यक्ति है और प्रशासनिक नियमों की अनदेखी करता है।
इस मामले में ग्राम प्रधान प्रतिनिधि सियानंद ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। ग्राम पंचायत सचिव ममता माल ने भी मामले से अनभिज्ञता जताई। ग्रामीणों का कहना है कि प्रधान पर पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं।
बलरामपुर जिले में बाल मजदूरी रोकने के लिए सरकारी अभियान चल रहे हैं। लेकिन शेखूइया में इनका कोई प्रभाव नहीं दिख रहा है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से जांच और कार्रवाई की मांग की है। अब प्रशासन से इस संवेदनशील मामले में ठोस कदम उठाने की उम्मीद की जा रही है।