बलरामपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की समस्या ने आम लोगों को गंभीर संकट में डाल दिया है। लो वोल्टेज और अनियंत्रित बिजली कटौती के चलते सैकड़ों गांवों के लोग परेशान हैं, जिससे ग्रामीणों के दैनिक जीवन पर बुरा असर पड़ रहा है। स्थानीय निवासियों का कहन
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हरैया और पचपेड़वा के निवासी रसीद और राजू ने बताया कि हल्की बारिश और आंधी के दौरान बिजली गायब हो जाती है। कई बार तो हफ्तों तक बिजली नहीं आती। ट्रांसफार्मर खराब होने पर उसे बदलने में भी विभाग को दो हफ्ते लग जाते हैं, और कुछ जगहों पर तो समस्या के समाधान में महीने बीत जाते हैं। इस स्थिति से ग्रामीणों में आक्रोश और नाराजगी का माहौल है।
शिकायतों पर कार्रवाई की कमी
स्थानीय लोगों का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बाद भी बिजली विभाग के अधिकारी समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। यदि किसी गांव में तार या ट्रांसफार्मर खराब हो जाता है, तो उसे ठीक करने में 15 दिन तक का समय लग जाता है, और यह भी तब, जब बार-बार फोन किया जाए। ग्रामीणों का आरोप है कि बिना रिश्वत दिए कोई काम नहीं होता और उच्च अधिकारियों से भी राहत नहीं मिल रही है।
बिजली कटौती की समस्या सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों तक सीमित नहीं है, बलरामपुर के नगर क्षेत्र में भी यह समस्या बढ़ती जा रही है। कई इलाकों में तीन से चार घंटे तक बिजली गुल रहती है, जिससे दुकानदारों और घरों के कामकाज पर बुरा असर पड़ रहा है। खराब ट्रांसफार्मरों को बदलने की बजाय इधर-उधर शिफ्ट कर दिया जाता है, जिससे समस्या जस की तस बनी रहती है।
विद्युत विभाग का जवाब
वहीं, विद्युत विभाग के स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि जहां भी विद्युत की समस्याएं हैं, विभाग उन्हें दूर कर रहा है और विद्युत कर्मियों द्वारा सभी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। हालांकि, विभाग के इस जवाब पर स्थानीय लोग संतुष्ट नहीं हैं और समाधान की ठोस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।