ढ़ाका6 मिनट पहले
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भारत-बांग्लादेश में बढ़ते तनाव के बीच बांग्लादेश के गृह मंत्री जहांगीर आलम चौधरी ने भारत विरोधी बयान दिया है। चौधरी ने कहा कि यूनाइटेड नेशंस पीस कीपिंग फोर्स (शांति सेना) को बांग्लादेश में नहीं बल्कि भारत में तैनात किया जाना चाहिए।
उनका यह बयान पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की बांग्लादेश में पीस कीपिंग फोर्स तैनात करने की मांग के बाद आया है, जिसमें उन्होंने पीएम मोदी से बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए व्यक्तिगत हस्तक्षेप करने की अपील की थी।
इसी बीच भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री अगले हफ्ते ढाका जा सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मिस्री दोनों देशों के बीच 9 और 10 दिसंबर को होने वाली फॉरेन ऑफिस कन्सलटेशन(FOC) में हिस्सा लेंगे।
5 अगस्त को शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद यह पहली बार होगा जब भारत का कोई बड़ा अधिकारी बांग्लादेश का दौरा करेगा।
बांग्लादेश के विदेश सलाहकार तौहिद हुसैन ने बताया कि FOC 10 दिसंबर को होनी थी, लेकिन अब यह 9 दिसंबर को हो सकती है। बैठक में बांग्लादेशी विदेश सचिव मोहम्मद जशीम उद्दीन भी शामिल होंगे।
भारत-बांग्लादेश संबंधों पर तौहीद ने कहा –
यह साफ है कि हम भारत के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं। दोनों पक्षों को इसके लिए काम करना चाहिए
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक FOC की बैठक में शेख हसीना के प्रत्यर्पण और वीजा से जुड़े मुद्दों पर द्विपक्षीय बातचीत हो सकती है। हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है।
शेख हसीना पर बांग्लादेश इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल में केस चल रहा है। वे जुलाई और अगस्त में हुए विरोध के दौरान नरसंहार की आरोपी हैं। 5 अगस्त को सरकार गिरने के बाद वे वहां से भागकर भारत आ गई थी, जिससे दोनों देशों में तनाव बढ़ गया। हाल ही में हिंदु धर्म गुरू चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी की बाद यह तनाव और बढ़ गया है।
24 नवंबर 2023 को तत्कालीन विदेश सचिव विजय मोहन क्वात्रा और बांग्लादेशी विदेश सचिव मसूद बिन मोमेन FOC की बैठक के लिए मिले थे।
हर साल मिलते हैं दोनों देशों के लीडर FOC भारत और बांग्लादेश के बीच हर साल होने वाली उच्च स्तरीय वार्ता है। इसमें दोनों देशों के बीच वीजा, पॉलिसी, व्यापार और दूसरे मुद्दों पर बातचीत होती है। पिछले साल यह मुलाकात 24 नवंबर को दिल्ली में हुई थी। इसमें भारत की तरफ से तत्कालीन विदेश सचिव विजय मोहन क्वात्रा और बांग्लादेश की तरफ से मसूद बिन मोमेन शामिल हुए थे।
इसमें सीमा सुरक्षा, व्यापार और भारत बांग्लादेश के बीच संबंधों को मजबूत करने जैसे मुद्दों पर बातचीत हुई थी। उस समय यह तय हुआ था कि अगली मुलाकात बांग्लादेश में होगी।
ईश निंदा के कथित आरोप में अब हिंदू युवक गिरफ्तार बांग्लादेश में यूनुस सरकार के दावों के बावजूद हिंदुओं व अल्पसंख्यकों पर हमले थम नहीं रहे हैं। मंगलवार देर रात सुमनगंज जिले में कट्टरपंथियों की भीड़ ने हिंदुओं के घरों पर हमला किया। भीड़ का आरोप था कि एक हिंदू युवक ने फेसबुक पोस्ट में ईश निंदा की थी।
उपद्रवी भीड़ ने 100 से ज्यादा हिंदुओं के घरों में तोड़फोड़ की और घर में बने पूजा स्थल भी तोड़ दिए गए। हिंदुओं की दुकानों में भी लूटपाट हुई। इस वजह से मंगलवार देर रात में ही सभी 200 हिंदू परिवार पलायन कर गए। पुलिस ने ईश निंदा के आरोप में सुमनगंज के मंगलारगांव के आकाश दास (20) को गिरफ्तार किया है।
बुधवार को सुमनगंज में अर्धसैनिक बलों की तैनाती भी की गई है। मंगलारगांव से गए हिंदू परिवार ढोलपुशी में रिश्तेदारों के घरों में पनाह लिए हुए हैं। सुमन (बदला हुआ नाम) ने फोन पर बताया कि हम लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं, क्योंकि यहां पर हमले का खतरा है।
बाहरी होने के कारण ग्रामीण हमें आसानी से पहचान लेंगे और कट्टरपंथियों को बता देंगे। इस बीच, हिंदू-बौद्ध-ईसाई काउंसिल के महासचिव मनिंद्रनाथ ने सवाल उठाया कि ईश निंदा करने वाले आरोपी को पुलिस पकड़ चुकी है, ऐसे में अब हिंदुओं के घरों पर हमले क्यों किए जा रहे हैं?
बांग्लादेश में 10 दिनों में क्या-क्या हुआ?
26 नवंबर
चिन्मय प्रभु की जमानत याचिका खारिज
चटगांव में इस्कॉन के पूर्व प्रमुख चिन्यम कृष्ण दास प्रभु की जमानत खारिज हुई। इसके बाद कोर्ट परिसर के बाहर हिंसा भड़क गई। इसमें वकील सैफुल इस्लाम की जान चली गई।
भारत ने नाराजगी जाहिर की
चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी पर भारत ने नाराजगी जाहिर की। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं, लेकिन शांतिपूर्ण सभाओं के जरिए सही मांगें करने वाले धार्मिक नेता के खिलाफ मुकदमे चल रहे हैं।
27 नवंबर
इस्कॉन पर बैन लगाने की मांग
बांग्लादेश हाईकोर्ट में इस्कॉन पर बैन लगाने की मांग को लेकर एक याचिका दायर की गई। याचिका दायर करने वाले वकील ने कोर्ट में कहा था कि सैफुल की मौत के पीछे इस्कॉन के लोग शामिल हैं। ऐसे में इस संस्था को बैन किया जाए।
28 नवंबर
इस्कॉन पर बैन लगाने की मांग खारिज
ढाका हाईकोर्ट ने 28 सितंबर को इस्कॉन पर बैन लगाने की मांग को खारिज कर दिया था। अदालत में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कहा कि इस्कॉन की गतिविधियों के खिलाफ हमने जरूरी कदम उठाए हैं। यह मुद्दा सरकार की प्राथमिकता है।
शेख हसीना ने चिन्मय की रिहाई की मांग
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्कॉन के चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए अंतरिम सरकार से उन्हें तुरंत रिहा करने के लिए कहा। हसीना ने कहा कि सनातन धर्म के एक प्रमुख नेता को अन्यायपूर्ण तरीके से गिरफ्तार किया गया है।
इस्कॉन बांग्लादेश ने चिन्मय प्रभु से नाता तोड़ा
इस्कॉन बांग्लादेश ने चिन्मय प्रभु से खुद को अलग कर लिया। महासचिव चारु चंद्र दास ब्रह्मचारी ने कहा कि अनुशासन भंग करने की वजह से चिन्मय को पहले ही संगठन के सभी पदों से हटा दिया गया था। वह उनके किसी भी बयान या प्रतिक्रिया की जिम्मेदारी नहीं लेते।
29 नवंबर
भारत का इस्कॉन चिन्मय प्रभु के समर्थन में आया
इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) की भारतीय शाखा ने कहा कि चिन्मय प्रभु संगठन के आधिकारिक सदस्य नहीं थे, लेकिन वे उनके अधिकार और बोलने की आजादी का समर्थन करते हैं। संगठन ने कहा कि हमने खुद को चिन्मय प्रभु से दूरी नहीं बनाई है और न ही ऐसा करेंगे।
भारत बोला- बांग्लादेश सरकार हिंदुओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी ले
बांग्लादेश में इस्कॉन धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी और हिंदुओं के हालात पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बयान दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत ने बांग्लादेश में हिंदुओं और बाकी अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे व्यवहार को लेकर अपना विरोध जताया है।
30 नवंबर
हिंदू धर्मगुरु श्याम दास प्रभु गिरफ्तार
चटगांव में इस्कॉन से जुड़े एक और धर्मगुरु श्याम दास प्रभु को गिरफ्तार किया गया। श्याम जेल में बंद चिन्मय दास से मिलने गए थे। उन्हें बिना वारंट के गिरफ्तार कर लिया गया। इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राधारमण दास ने इसकी जानकारी दी।
श्याम दास प्रभु को बिना किसी आधिकारिक वारंट के गिरफ्तार किया गया।
1 दिसंबर
बांग्लादेश में 83 इस्कॉन सदस्यों को भारत जाने से रोका
बांग्लादेश की इमिग्रेशन पुलिस ने वैध पासपोर्ट और वीजा के साथ भारत जा रहे इस्कॉन के 54 सदस्यों को बॉर्डर पर रोक दिया। ये लोग एक धार्मिक समारोह में भाग लेने भारत जा रहे थे। इसे लेकर इमिग्रेशन पुलिस का कहना है कि उनके पास भले ही वैध पासपोर्ट और वीजा थे, लेकिन गवर्नमेंट की स्पेशल परमिशन नहीं थी। अगले दिन इस्कॉन के 29 लोगों भारत आने से रोका गया।
2 दिसंबर
ममता ने बांग्लादेश में शांति सेना भेजने की मांग की
पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने बांग्लादेश में शांति सेना भेजे जाने की मांग की। ममता ने कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार को संयुक्त राष्ट्र से बातचीत करनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि PM मोदी को विदेशी धरती पर अत्याचार का सामना कर रहे भारतीयों को वापस लाना चाहिए।
त्रिपुरा में बांग्लादेश के असिस्टेंट हाई कमीशन के कार्यालय में तोड़-फोड़
त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में बांग्लादेश के असिस्टेंट हाई कमीशन के ऑफिस में तोड़-फोड़ की गई। ऑफिस के बाहर हिंदू संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन आयोजित किया था। बांग्लादेश ने नाराजगी जताई और भारत से गहन जांच की मांग की।
3 दिसंबर
हसीना बोलीं- मोहम्मद यूनुस अल्पसंख्यकों पर हमलों के जिम्मेदार
न्यूयॉर्क के एक सेमिनार को वर्चुअली संबोधित करते हुए हसीना ने अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले और उनकी हत्याओं का जिम्मेदार अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस को बताया।
चिनम्य दास की जमानत याचिका पर सुनवाई 2 जनवरी तक टली
चिन्मय दास की जमानत पर सुनवाई 2 जनवरी तक के लिए टाल दी गई। यूनुस सरकार ने कोर्ट से समय मांगा जिसके बाद सुनवाई आगे बढ़ा दी गई।
4 दिसंबर
मोहम्मद यूनुस बोले- शेख हसीना ने देश बर्बाद किया
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर देश में सब कुछ बर्बाद करने का आरोप लगाया।
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मोहम्मद यूनुस बोले- शेख हसीना ने देश बर्बाद किया:कहा- ट्रायल के बाद भारत से प्रत्यर्पण की मांग करेंगे; फिलहाल चुनाव कराने से इनकार
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर देश में सब कुछ बर्बाद करने का आरोप लगाया।
यूनुस ने कहा कि हसीना ने 15 साल के कार्यकाल में देश के सरकारी तंत्र को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। हमारे ऊपर लोकतंत्र, आर्थिक स्थिरता और जनता के विश्वास को बहाल करके इसे फिर से खड़ा करने की बड़ी जिम्मेदारी है। यह बात उन्होंने जापान के अखबार निक्की एशिया को दिए इंटरव्यू में कही। पूरी खबर पढ़ें…