‘बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हुई हर घटना पर हमारी नजर है। हम लोग कहते नहीं हैं, करने पर विश्वास रखते हैं। देश के करोड़ों संत सिर्फ भारत सरकार की अनुमति का इंतजार कर रहे हैं। हमें आज इजाजत मिल जाए, तो हम बांग्लादेश को बता देंगे कि कौन कितना ताकतवर
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‘जूना अखाड़े’ के मुख्य संरक्षक महंत हरि गिरी बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर फिक्रमंद हैं। वो प्रयागराज महाकुंभ पहुंचे हैं। उनका जूना अखाड़ा 10 लाख से ज्यादा नागा संन्यासियों वाला दुनिया का सबसे बड़ा अखाड़ा है।
हरि गिरी दैनिक भास्कर को बताते हैं कि महाकुंभ में 13 अखाड़ों के 1 लाख से ज्यादा संतों का जमावड़ा लगने वाला है। यहां आने वाला हर संन्यासी सनातन धर्म का ध्वज वाहक है। जहां भी हमारे धर्म पर खतरा दिखता है, हम वहां जाकर अपने भाई-बहनों के लिए लड़ने को तैयार हैं। महाकुंभ के दौरान बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा का मसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने रखा जाएगा।
महाकुंभ 13 जनवरी, 2025 से शुरू होने वाला है। 45 दिनों तक चलने वाले इस धार्मिक जमघट में देश-विदेश से संत पहुंचने लगे हैं। 12 साल पहले प्रयागराज में जब कुंभ हुआ था, तब सभी अखाड़ों ने एकमत होकर राम मंदिर निर्माण के लिए आवाज उठाई थी।
तय हुआ था कि अगले महाकुंभ तक राममंदिर हर हाल में बन जाना चाहिए और वैसा ही हुआ। इस बार अलग-अलग अखाड़ों से बांग्लादेश हिंसा के खिलाफ वैसी ही आवाजें उठ रही हैं। पढ़िए पूरी रिपोर्ट…
प्रयागराज के संगम तट पर हर 12 साल में महाकुंभ होता है। प्रयाग उन 4 पवित्र जगहों (हरिद्वार, उज्जैन, नासिक और प्रयागराज) में से एक है, जहां कुंभ मेला लगता है। 2019 के अर्धकुंभ में 24 करोड़ लोग पहुंचे थे। प्रयागराज प्रशासन इस बार 45 करोड़ लोगों के आने का अनुमान लगा रहा है।
महाकुंभ के दौरान उत्तर प्रदेश में जिलों की संख्या 75 से बढ़कर 76 हो जाती है। इस बार नए जिले को ‘महाकुंभनगर’ नाम दिया गया है। संगम घाट के आस-पास 4000 हेक्टेयर में नया जिला बसाया जा रहा है।
गंगा पार दूसरी ओर धार्मिक अखाड़ों के लिए जगह दी गई है। 13 जनवरी को अखाड़ों के शाही स्नान से महाकुंभ की शुरुआत होगी। अखाड़ा क्षेत्र की ओर जाने वाला हर रास्ता ठीक किया जा रहा है। जहां से साधु-संन्यासी स्नान के लिए जाएंगे। महाकुंभ शुरू होने में अभी 3 हफ्ते से ज्यादा का वक्त बाकी है, लेकिन धार्मिक अखाड़ों में हवन-पूजन, संतों की बैठकें शुरू हो गई हैं।
पंच अग्नि अखाड़ा अध्यक्ष बोले- मंदिरों की मूर्तियां तोड़ीं, UN कब बोलेगा पंच अग्नि अखाड़ा महाकुंभ में सबसे पहले पहुंचने वाले अखाड़ों में से एक है। हमने इसके प्रमुख श्रीमहंत मुक्तानंद से बात की। वे बांग्लादेश में हिंदुओं पर हिंसा बढ़ने की सबसे बड़ी वजह अंतरराष्ट्रीय शांति संगठनों की चुप्पी को मानते हैं।
मुक्तानंद कहते हैं, ‘बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी कम है। इसलिए उन पर लगातार हिंसक हमले हो रहे हैं। पंच अग्नि अखाड़ा इन हमलों की निंदा करता है। हमारे सनातन मंदिरों में मूर्तियां तोड़ी गईं। लोगों को घरों में घुसकर मारा गया। इन घटनाओं पर UN और दूसरे वैश्विक संगठन क्यों चुप हैं। जब तक वे इन घटनाओं पर ठोस कदम नहीं उठाते, बांग्लादेश में हिंदुओं की हालत सुधरना मुश्किल है।’
‘हम चाहते हैं कि केंद्र बांग्लादेश सरकार से बात करे। वहां पर हमारे जो भी भाई-बहन फंसे हैं, उनके भारत आने के लिए वीजा पर लगी पाबंदियां खत्म की जाएं, ताकि वो भारत आकर सुरक्षित रह सकें।‘
बांग्लादेशी हिंदुओं के हालात पर संत महाकुंभ में लेंगे बड़ा फैसला अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी महाकुंभ में आने वाले अखाड़ों की व्यवस्था देख रहे हैं। वो मेले के आयोजक मंडल में भी शामिल हैं। हमने उनसे कुछ सवाल पूछे। क्या धार्मिक अखाड़ों में बांग्लादेश हिंसा को लेकर गुस्सा है? क्या संत समाज इस मुद्दे को महाकुंभ में केंद्र सरकार के सामने रखेगा। क्या इस पर कोई बैठक हो सकती है?
वे कहते हैं, ‘अगस्त से लेकर अब तक जिस तरह बांग्लादेश में हिंदुओं पर 1000 से ज्यादा हमले हुए हैं, उसे लेकर संत समाज में निराशा और गुस्सा दोनों है। लगभग सभी अखाड़ों के महंत इस मुद्दे को लेकर चिंतन कर रहे हैं।‘
‘फिलहाल, बांग्लादेश से भारत आने वाले नागरिकों के लिए टूरिस्ट वीजा बंद है। ऐसे में वहां से कुंभ स्नान के लिए आने वाले हिंदू भी इस बार नहीं आ पा रहे हैं। इन लोगों में कई संन्यासी भी शामिल हैं, जो कुंभ के लिए सालों-साल से इंतजार कर रहे थे।‘
‘13 जनवरी को अखाड़ों के शाही स्नान के साथ मेला शुरू हो जाएगा। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी, अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री और नेता कुंभ में शामिल होने आएंगे। इस दौरान सभी अखाड़ों के अध्यक्ष और महामंडलेश्वर उनसे मिलकर बांग्लादेश में हिंदुओं के हाल पर चर्चा कर सकते हैं। संभव है कि तब इस विषय पर कोई बड़ा फैसला लिया जाए।‘
किन अखाड़ों में सबसे ज्यादा गुस्सा है? रविंद्र पुरी कहते हैं, ‘महाकुंभ ही ऐसा वक्त होता है, जब देश के अलग-अलग अखाड़ों के बड़े संत एक जगह पर मिलते हैं। अभी 13 अखाड़ों से छोटे-छोटे जत्थे मेला क्षेत्र पहुंच रहे हैं।‘
‘14 दिसंबर को कुंभ छावनी में जूना अखाड़े के 10 हजार नागा संतों ने पेशवाई (शक्ति प्रदर्शन) निकाली। इस दौरान साधुओं ने घोड़ों पर सवार होकर हाथ में तलवार और भाला लेकर प्रदर्शन किया था।‘
महाकुंभ में ‘बांग्लादेश’ की चर्चा होने की वजह क्या है? इस सवाल पर VHP के एक पदाधिकारी कहते हैं, ‘बांग्लादेश में मंदिरों में हुई तोड़फोड़ के बाद योगी आदित्यनाथ अलग-अलग मंचों से ये मुद्दा उठाते रहे हैं। हाल ही में उन्होंने अयोध्या में बांग्लादेश और बाबर को जोड़ते हुए जो बयान दिया, उसकी चर्चा अब प्रयाग पहुंच रहे नागा साधुओं के बीच हो रही है।’
‘नागाओं का इतिहास रहा कि उन्होंने हिंदुओं की रक्षा के लिए समय-समय पर युद्ध लड़े हैं। चाहे वो 1757 में अहमद शाह अब्दाली के साथ जंग हो या फिर 1664 में औरंगजेब की सेना से लड़ाई। नागा साधुओं ने हमेशा देश और सनातन की रक्षा के लिए शस्त्र उठाए हैं। यही वजह है कि महाकुंभ में पहुंच रहे नागा संन्यासियों ने बांग्लादेश हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन किया है।’
योगी के वो बयान जिनकी अब महाकुंभ में हो रही चर्चा बीते 5 महीनों में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा, जम्मू कश्मीर और यूपी में हुए चुनावों के दौरान 30 से ज्यादा जनसभाएं कीं। योगी ने 5 राज्यों में जिन 25 कैंडिडेंट्स के लिए वोट मांगे, उनमें से 21 जीत गए।
जिन सीटों पर हिंदू वोटर्स की संख्या सबसे ज्यादा थी, वहां BJP को एकतरफा जीत मिली। UP में 9 सीटों पर उपचुनाव हुए, जिसमें BJP 7 पर जीती। अब महाकुंभ से पहले CM के दो बयान चर्चा में हैं।
5 दिसंबर 2024, योगी अयोध्या के राम कथा पार्क में रामायण मेले का उद्घाटन करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने मुगल शासक बाबर, संभल हिंसा और बांग्लादेश को लेकर एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा- याद कीजिए कि 500 साल पहले बाबर के आदमी ने कुंभ में क्या किया था। यही बात संभल में भी हुई और यही अब बांग्लादेश में भी हो रही है। तीनों का स्वभाव और उनका DNA एक ही है।’
26 अगस्त 2024, आगरा में हुई जनसभा में योगी ने कहा- आप देख रहे हैं बांग्लादेश में क्या हो रहा है? वो गलतियां यहां नहीं होनी चाहिए। बटेंगे तो कटेंगे! एक रहेंगे तो नेक रहेंगे, सुरक्षित रहेंगे।
पंचदशनाम जूना अखाड़े के नागा साधु श्रीदिगंबर पूर्णम गिरी CM योगी के बयान का समर्थन करते हैं। वे कहते हैं, ‘योगी महाराज ने कहा था, एक रहोगे तो नेक रहोगे। बंटोगे तो कटोगे। यही बात लोगों को समझनी होगी। हिंदुओं में तब तक हिंसा होती रहेगी, जब तक वे एक साथ नहीं खड़े होते।
‘अब भी वक्त है एक हो जाओ, तुम्हारा कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता। भगवान कृष्ण ने भी खुद हथियार न उठाकर अर्जुन से युद्ध लड़ने को कहा था। उसी तरह अब वक्त आ गया है, जब हिंदुओं को अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी।‘
अब बांग्लादेश में हिंदुओं के मौजूदा हालात के बारे में जान लीजिए… भारत ने बीते 8 साल में बांग्लादेश को 8 अरब डॉलर की मदद की है। हर साल 10 अरब डॉलर से ज्यादा का एक्सपोर्ट होता है। लिहाजा, भारतीय विदेश मंत्रालय बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर दबाव बना रहा है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 13 दिसंबर को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि हम बांग्लादेश सरकार से उम्मीद करते हैं कि वो अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देगी। वहां अल्पसंख्यकों के साथ जो कुछ भी किया जा रहा है, वो परेशान करने वाला है।
भारत की प्रतिक्रिया के बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस के सेक्रेटरी शफीकुल आलम का बयान सामने आया। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश में 5 अगस्त से 22 अक्टूबर के बीच हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के कुल 88 मामले दर्ज हुए हैं। इसमें अब तक 70 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सरकार हिंसाग्रस्त इलाकों में एक्स्ट्रा फोर्स लगाकर हालात सामान्य करने में जुटी है।
बांग्लादेश के विदेश सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन कहते हैं, ‘बांग्लादेश सरकार और भारतीय हाई कमीशन के बीच लगातार बातचीत हो रही है। हम यहां के लोगों की चिंताएं दूर करने के साथ-साथ टूरिस्ट वीजा की बहाली पर काम कर रहे हैं। दोनों देश आपस में मजबूत संबंध चाहते हैं। हालांकि ये रिश्ते आपसी सम्मान और समानता पर आधारित होंगे।‘
संन्यासिनी अखाड़ा- 50 हजार साध्वियों की बांग्लादेश कूच की तैयारी देश में 50 हजार से ज्यादा महिला संतों वाला संन्यासिनी अखाड़ा बांग्लादेश हिंसा के विरोध में हैं। महाकुंभ के बाद अखाड़ा बड़ा आंदोलन करने जा रहा है। हिंदू महासभा संत प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय अध्यक्ष और संन्यासिनी अखाड़े की महंत अर्चना गिरी कहती हैं, ‘सनातन धर्म पर हमले आज से नहीं बल्कि सदियों से होते रहे हैं, लेकिन हर बार जीत हिंदुओं की हुई है। हम न बंटेगे न कटेंगे।‘
‘बांग्लादेश में हिंदुओं पर जो हमले हुए, उसके विरोध में संन्यासिनी अखाड़ा पूरे देश में आक्रोश आंदोलन कर रहा है। अभी महाकुंभ में हम सभी साधु-संत एकजुट होकर बांग्लादेश में हुई हिंसा के खिलाफ रणनीति बनाएंगे। वहां हिंदू धर्माचार्यों पर हुआ अत्याचार सरासर गलत है। भारत का संत समाज वहां फंसे संन्यासियों के साथ खड़ा है।‘
सनातन बोर्ड के प्रस्ताव के साथ अखाड़े हिंदू रक्षा का मुद्दा उठाएंगे महाकुंभ में पहुंच रहे 13 अखाड़े इस बार सरकार के सामने सनातन बोर्ड का प्रस्ताव रख सकते हैं। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी कहते हैं, ‘महाकुंभ में अलग-अलग अखाड़ों के संत आपस में बैठक करेंगे। इसके बाद सनातन धर्म को एक मंच पर लाने के लिए सनातन बोर्ड का प्रस्ताव सरकार के सामने रखा जा सकता है। इससे सभी सनातनी अखाड़े एक-दूसरे से संपर्क में रहेंगे और धार्मिक मुद्दों पर चर्चा हो सकेगी।’
‘महाकुंभ में सभी अखाड़ों से लाखों की संख्या में संत आएंगे। 45 दिन तक चलने वाले सबसे बड़े धार्मिक मेले को सफल बनाने के लिए संत समाज और सरकार मिलकर काम कर रहे हैं। अखाड़ों के अध्यक्ष सरकार तक सीधे अपनी बात पहुंचाएंगे। ऐसे में संभव है कि सनातन बोर्ड के प्रस्ताव के साथ हिंदू रक्षा का भी मुद्दा उठाया जा सकता है।’
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