छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में ग्रामीणों ने बांस की टोकरी का कांवड़ बनाया, फिर उस पर मरीज को बैठाकर करीब 10 किमी पैदल चले। एक पहाड़, जंगल और खेतों के बीच से पतली पगडंडी के रास्ते पैदल सफर तय किया। जब पक्की सड़क मिली तो एंबुलेंस के जरिए अस्पताल पहुंचे। जिसक
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यह मामला दरभा ब्लॉक के एलंगनार के आश्रित ग्राम कनकापाल का है। युवक चैतूराम नाग उल्टी-दस्त समेत अन्य बीमारी से ग्रसित था। बीमार इतना था कि चलने में भी असमर्थ हो गया। उसकी स्थिति बिगड़ रही थी। जिसके बाद परिजन ग्रामीणों की मदद से उसे कांवड़ के सहारे अस्पताल लाने की सोचे।
108 को की खबर
फिर बांस की एक टोकरी से कांवड़ बनाया। उस पर मरीज को बिठाया गया। जिसके बाद गांव से कांवड़ पर ढोकर मरीज को खोटापदर तक ले गए। इस बीच करीब 10 किमी पैदल पगडंडी रास्ते से चलकर खोटापदर पहुंचे। यहां से एंबुलेस को सूचना दी गई। जब 108 मौके पर पहुंची तो मरीज को अस्पताल पहुंचाया गया।
दरअसल, यह मामला एक दिन पहले का है। ग्रामीणों ने इसका वीडियो बनाकर खुद मीडिया को उपलब्ध करवाया है। गांव वालों का कहना है कि हमारी भी मजबूरी।
गांव तक नहीं है सड़क
गांव तक पहुंचने के लिए कोई सुगम रास्ता नहीं है। न ही पक्की सड़क और न ही मिट्टी की कोई सड़क है। जिस पर 2 पहिया या चार पहिया वाहन चल सके। यही वजह है कि ग्रामीणों को रोज की जरूरतों को पूरा करने या फिर मरीजों को अस्पताल पहुंचाने इसी तरह जद्दोजहद करनी पड़ती है।