औरंगाबाद में एक महिला की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। ये सोमवार की देर रात शादी समारोह में शामिल होकर घर लौट रही थी। मृतका की पहचान अरवल के पारसी थाना क्षेत्र अंतर्गत तवकला गांव निवासी स्वर्गीय सुनील कुमार की पत्नी मीना देवी के रूप में की गई है।
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घटना शहर के ओवर ब्रिज बाईपास के समीप की है। सदर अस्पताल पहुंचे परिजनों ने बताया कि मृतका अपने किसी रिश्तेदार की शादी समारोह में शामिल होने अंबा के सतबहिनी मंदिर गई थी। जहां एक मैरिज हॉल में आयोजित शादी समारोह में शामिल होने के बाद रिश्तेदार के साथ बाइक पर सवार होकर घर लौट रही थी।
पीछे से आ रही ट्रक ने महिला को रौंदा
रोड पर पीछे से आ रहे एक तेज रफ्तार ट्रक ने प्रेशर हॉर्न बजा दिया। ट्रक चालक की ओर से लगातार प्रेशर हार्न बजाने के कारण महिला अनियंत्रित होकर बाइक से नीचे गिर गई। इसके बाद पीछे से आ रहे ट्रक ने उसे कुचल दिया। घटना के बाद परिजनों और वहां मौजूद लोगों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी गई।
सूचना मिलते ही नगर थाना की पुलिस पहुंची और महिला को जख्मी अवस्था में इलाज के लिए सदर अस्पताल ले जाया गया। जहां ड्यूटी में तैनात डॉक्टरों ने नब्ज टटोलते ही मृत घोषित कर दिया। मौत के बाद पुलिस ने शव को आवश्यक कार्रवाई के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
सड़क हादसे में एक महिला की मौत हुई है।
थानाध्यक्ष उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शव अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया गया है। धक्का मार कर भागने वाले वाहन तथा चालक का पता लगाया जा रहा है।
4 साल पहले पति की हो गई थी मौत
सदर अस्पताल पहुंचे मृतका के परिजनों ने बताया कि 4 साल पहले ही उसके पति सुनील कुमार की मौत हो गई थी। माता-पिता की मौत के बाद उसके बेटे समर व सुमिर अनाथ हो चुके हैं। पति की मौत के बाद मृतक महिला किसी तरह अपने बेटों को पढ़ा रही थी। लेकिन हादसे में अब उसकी भी मौत हो गई। घटना के बाद दोनों बेटे समेत अन्य परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव को अंतिम संस्कार के लिए घर लेकर चले गए।
जानिए कितना खतरनाक है प्रेशर हॉर्न
वाहन चालकों की ओर से अचानक प्रेशर हॉर्न बजाने से कई बार घबराहट के साथ लोगों का संतुलन भी बिगड़ जाता है। जिसके कारण दुर्घटना होती है। ट्रक वाले भीड़ भाड़ वाले इलाकों में भी प्रेशर हॉर्न का प्रयोग करते हैं। कई बार प्रेशर होने के कारण बाइक सवार और पैदल सड़क पार कर रहे लोग घबरा जाते हैं।
डॉक्टरों के मुताबिक ऐसे हॉर्न से निकलने वाली ध्वनि की तीव्रता तय सीमा से दोगुना अधिक होती है। अगर कोई व्यक्ति सप्ताह में 5 दिन 80 डेसिबल से अधिक आवाज सुन ले तो उसकी सुनने की क्षमता जा सकती है।
विशेषज्ञों के अनुसार प्रेशर हॉर्न 80 डेसीबल से अधिक आवाज करते हैं। ध्वनि प्रदूषण के कारण कम उम्र के लोगों को भी सुनाई देने की समस्या हो रही है। हालांकि, मोटर व्हीकल अधिनियम के तहत प्रेशर हॉर्न बजाने वालों पर कार्रवाई का प्रावधान है। लेकिन परिवहन विभाग की ओर से प्रेशर हॉर्न के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है। जिसके कारण वाहन चालक प्रेशर हॉर्न का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं।