घरौंडा में विरोध प्रदर्शन करते बिजली विभाग के कर्मचारी
हरियाणा में बिजली विभाग के निजीकरण को लेकर विरोध तेज हो गया है। घरौंडा पावर हाउस में ऑल हरियाणा पावर कार्पोरेशन वर्कर यूनियन द्वारा गेट मीटिंग आयोजित की गई। इस दौरान चंडीगढ़ बिजली विभाग और यूपी के आगरा व वाराणसी डिसकॉम को निजी हाथों में सौंपे जाने के
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यूनियन ने मांग की कि सरकार इस निर्णय को तुरंत वापस ले। यूनियन ने चेताया कि अगर सरकार ने यह फैसला वापस नहीं लिया तो यूनियन उग्र प्रदर्शन करने से भी पीछे नहीं हटेगी।
कोई भी कर्मचारी चंडीगढ़ ड्यूटी पर न जाए यूनियन ने प्रदेशभर के सभी यूनिट और सब-यूनिट के पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि कोई भी कर्मचारी चंडीगढ़ ड्यूटी पर न जाए। यूनियन का स्पष्ट संदेश है कि यदि किसी कर्मचारी को ड्यूटी के लिए फोन किया जाए, तो वह साफ इनकार कर दे। घरौंडा में यूनियन के प्रधान जयकुमार ने कहा कि आज चंडीगढ़ प्राइवेट हो रहा है, कल हरियाणा की बारी होगी। इसलिए सभी कर्मचारी एकजुट रहें और स्टेट से बाहर ड्यूटी पर जाने से बचें।
धरने पर बैठे बिजली विभाग के कर्मचारी
उग्र आंदोलन की दी चेतावनी नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज एंड इंजीनियर्स और चंडीगढ़ में आयोजित आक्रोश जनसभा में यह निर्णय लिया गया कि चंडीगढ़ बिजली विभाग और यूपी के डिसकॉम्स को निजी हाथों में देने के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन होंगे। यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार नहीं जागी, तो उग्र प्रदर्शन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
कर्मचारियों की अनदेखी से सरकार के खिलाफ बढ़ा रोष यूनियन का आरोप है कि सरकार लंबे समय से कर्मचारियों की मांगों को नजर अंदाज कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों का शोषण किया है और यूनियन की मांगों को कभी गंभीरता से नहीं लिया। इसके साथ ही सरकारी विभागों को निजीकरण की ओर धकेलना कर्मचारियों के साथ अन्याय है। यूनियन ने कहा कि सरकार की इस नीति के कारण कर्मचारियों में गहरा रोष है।

धरने पर बैठे बिजली विभाग के कर्मचारी
हर कार्रवाई का होगा विरोध यूनियन ने यह भी साफ किया है कि अगर सरकार या विभाग की ओर से किसी कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्रवाई होती है, तो यूनियन उसका भी कड़ा विरोध करेगी। यूनियन के सदस्यों ने इस लड़ाई को जारी रखने का संकल्प लिया और सभी कर्मचारियों से एकजुट रहने का आह्वान किया।