कानपुर के चर्चित 7820 करोड़ रुपए के बैंक घोटाले में दो उद्योगपति आरोपियों ने कोर्ट में अर्जी दाखिल की जिसमें कहा गया कि बिना जमानत लिए उन्हें कोर्ट केस के ट्रायल में शामिल होने की अनुमति दी जाए। विशेष लोक अभियोजक की आपत्ति के बाद कोर्ट ने सुनवाई करते
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7820 करोड़ रुपए का घोटाला करने के आरोप में सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) की ओर से 69 अभियुक्तों के खिलाफ विभिन्न बैंकों में कंपनी अदालत में परिवाद दर्ज कराया गया था। इसमें से 20 अभियुक्त विदेशी हैं जिनकी फाइल अलग चल रही है।
इनमें से सतीश चंद्र गुप्ता के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी है। रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी, उनके बेटे राहुल कोठारी, बिल्डर विश्वनाथ गुप्ता व उद्योगपति सुजय देसाई समेत 49 लोगों के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई चल रही है।
इसमें विक्रम कोठारी की मौत हो चुकी है। दो अभियुक्त सुनील वर्मा और अनूप कुमार बढ़ेरा को सुप्रीम कोर्ट से कोई उत्पीड़नात्मक कार्रवाई न किए जाने का आदेश मिला हुआ है। दोनों अभियुक्तों की ओर से कोर्ट में अर्जी देकर कहा गया था कि दोनों को बिना जमानत कराए ही मुकदमे के विचारण में शामिल किया जाए।
इस पर एसएफआईओ के विशेष लोक अभियोजक कौशल किशोर शर्मा ने आपत्ति दर्ज कराई थी। उन्होंने कहा कि कानूनन बिना जमानत कराए किसी भी अभियुक्त को न्यायालय के सामने हाजिर होकर विचारण में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने सुनील और अनूप की अर्जी खारिज कर दी है। दोनों अभियुक्तों की ओर से एक और प्रार्थना पत्र देकर विदेश जाने की अनुमति मांगी गई है। जिस पर भी एसएफआईओ की ओर से आपत्ति जताई गई है। इस पर कोर्ट का फैसला आना है।