जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने नगरीय प्रशासन सचिव से मांगा जवाब।
बिलासपुर में पहली बारिश में ही नालियों का गंदा पानी सड़कों पर बहने लगा है। नगर निगम की इस अव्यवस्था पर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। मामले को स्वत: संज्ञान में लेते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने लोगों की परेश
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शनिवार और रविवार की शाम शहर में झमाझम बारिश हुई। इस दौरान महज एक-एक घंटे की बरसात के बाद नगर निगम के नाले-नालियों के सफाई के दावों की पोल खुल गई। स्थिति यह रही कि गोल बाजार, पुराने बस स्टैंड चौक, सिटी कोतवाली के सामने समेत कई जगहों पर नाले का गंदा पानी सड़क पर बहता रहा।
अव्यवस्थाओं की खबरों को हाईकोर्ट ने माना जनहित याचिका नगर निगम की इस अव्यवस्था से जहां आम लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। वहीं, निगम के ड्रेनेज सिस्टम पर सवाल उठ रहा है। बता दें कि हर साल बारिश के पहले नगर निगम प्रशासन नाला निर्माण और सफाई के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च करता है। इसके बाद भी बारिश में जल जमाव की समस्या शुरू हो जाती है। वहीं, बारिश के मौसम में कोविड सहित अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। इस मामले में मीडिया में आई खबरों को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की है और नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव को निर्देश दिया कि वे अब तक किए गए कार्यों की जानकारी दें।
निगम ने बताया- अपोलो रोड के लिए वर्क ऑर्डर जारी इधर, बिलासपुर नगर निगम ने अपोलो अस्पताल की मुख्य सड़क के निर्माण पर प्रगति रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश की गई। रिपोर्ट में बताया गया कि अपोलो चौक से मानसी गेस्ट हाउस तक सड़क चौड़ीकरण और बीटी कार्य के लिए 6 मई 2025 को वर्क ऑर्डर जारी हो चुका है।