बिलासपुर में टीकाकरण से दो बच्चों की मौत।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में टीकाकरण से दो बच्चों की मौत हुई है। बच्चों की मौत के मामले में अब सियासत भी गरमा गई है। पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव रविवार को जिला हॉस्पिटल पहुंचे और पीड़ित बच्चों का हाल जाना।
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बता दें कि जिले के कोटा विकासखंड के पटैता के कोरीपारा में आंगनबाड़ी केंद्र में टीकाकरण अभियान के दौरान 7 बच्चों को बीसीजी और पेंटावैलेंट के टीके लगाए गए थे। शनिवार को इनमें से दो बच्चों की मौत हो गई, वहीं बाकी 5 बच्चों को जिला अस्पताल रेफर किया गया।
पूर्व डिप्टी सीएम ने पीड़ित परिवारों से की मुलाकात।
डिप्टी सीएम ने की जांच की मांग
डिप्टी सीएम ने बच्चों की मौत की जांच की मांग की। इधर CMHO डॉ प्रभात श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में संबंधित बैच के वैक्सीन की सप्लाई पर रोक लगा दी गई है। वैक्सीन की टेस्टिंग कराने और बच्चों का पोस्टमार्टम कराने के निर्देश दिए गए हैं।
चूक पाए जाने पर होगी कार्रवाई
CMHO ने कहा कि मृत बच्चों का पोस्टमार्टम इसीलिए कराया जा रहा है, ताकि मौत का कारण स्पष्ट हो सके। यदि इस मामले में स्वास्थ्य विभाग की कोई चूक पाई जाती है, तो कार्रवाई की जाएगी।

जिला अस्पताल में टीएस सिंहदेव के साथ पूर्व विधायक शैलेश पांडेय साथ थे।
सिंहदेव बोले- सरकार कुछ छिपा रही
अस्पताल परिसर में टीएस सिंहदेव ने राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने सवाल किया कि टीके क्या अमानक तो नहीं थे? आखिर मृत बच्चों का पोस्टमार्टम क्यों नहीं करवाया गया?
सिहंदेव ने राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि क्या सरकार का दायित्व नहीं था कि वह सारे मामले की जांच कराती? क्या सरकार इस संवेदनशील मामले में कुछ छुपा रही है? उन्होंने मृतक परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और अस्पताल में भर्ती अन्य बच्चों की बेहतर चिकित्सा के लिए डॉक्टरों को कहा।
दवा अमानक है तो स्टॉक रोका जाए
टीएस सिंहदेव ने कहा कि यदि टीके, दवाइयां अमानक थी तो उसका स्टॉक तत्काल रोका जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया नसबंदी, गर्भाशय कांड, आंखफोड़वा वाली बीजेपी सरकार में कुछ भी हो सकता है। सिंहदेव के साथ पूर्व विधायक शैलेश पांडेय, कांग्रेस नेता पंकज सिंह ने भी प्रभावित परिवारों से अस्पताल में मुलाकात की।
बीसीजी का टीका क्या है?
बीसीजी का टीका हर बच्चे के लिए बेहद जरूरी है। बीसीजी का टीका आपके बच्चे की प्रतिरक्षण प्रणाली को उन किटाणुओं से लड़ने में मदद करता है, जिनसे टीबी (Tuberculosis) होती है। अध्ययन दर्शाते हैं कि बीसीजी का टीका दिए जाने के समय से लेकर 15 वर्ष बाद तक टीबी और अन्य गंभीर बीमारियों से बचाता है।
अगर बात बीसीजी के खोज की करें, तो इस वैक्सीन को साल 1908 से 1921 तक में तैयार किया गया था। इसको फ्रांस के बैक्टीरियोलोजिस्ट एडबर्ट कैलिमिटी और कैमिली ग्यूरीन ने तैयार किया था। इस वैक्सीन को जन्म के तुरंत बाद टीबी के जोखिम वाले शिशिुओं को दिया जाता था पर अब इसे हर बच्चे के लिए जरूरी माना गया है।
पेंटावैलेंट टीके के बारे में जानिए
पेंटावैलेंट टीका बच्चों को पांच घातक रोगों से बचाता है। इनमें गलघोंटू, परटूसिस (काली खांसी), टेटनेस, हेपेटाइटिस बी और हिमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी (हिब) शामिल है।