बिहार के पूर्व मंत्री को अलकतरा घोटाले में सजा
संयुक्त बिहार में हुए बहुचर्चित अलकतरा घोटाला मामले में बिहार के पूर्व पथ निर्माण मंत्री इलियास हुसैन सहित 5 आरोपियों को आज सीबीआई कोर्ट ने सजा सुनाई है। वहीं 7 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। जिन 5 आरोपियों को सजा सुनाई गई है, उनमें
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15 लाख का जुर्माना, 3 साल की मिली सजा
प्राप्त जानकारी के अनुसार सीबीआई कोर्ट ने 5 आरोपियों को सजा सुनाते हुए जुर्माना भी लगाया है। बिहार के पूर्व मंत्री इलियास हुसैन समेत 5 आरोपियों को 3-3 साल की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही इन सभी पर 15- 15 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।
वहीं 7 आरोपी साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिए गए हैं। बरी होने वाले में जी रामनाथ, एसपी माथुर,तरुण गांगुली,रंजन प्रधान और सुबह सिन्हा और एमसी अग्रवाल शामिल हैं। सीबीआई की विशेष अदालत ने यह फैसला सुनाया है।

सीबीआई की विशेष अदालत ने फैसला सुनाया है।
27.70 लाख की हुई थी गड़बड़ी
वर्ष 1994 से 1996 के बीच अलकतरा घोटाला के कई मामले हुए थे। आज जो सजा सुनाई गई है वह साल 1994-95 का है। इस मामले में 27.70 लाख रुपए का घोटाला किया गया था। 510 मीट्रिक टन अलकतरा की सफलाई RCD हजारीबाग को करना था, लेकिन सप्लाई नहीं किया गया था। कागजों पर सप्लाई दिखा दी गई थी। जानकारी के अनुसार पवन करियर नामक कंपनी से अलकतरा सप्लाई किए जाने का फर्जी दस्तावेज बनाया गया था।
बरही थाने में दर्ज हुआ था मामला
वर्ष 1995 में आरसीडी रोड डिवीजन हजारीबाग में सड़क बननी थी। इसके लिए हल्दिया ऑयल रिफाइनरी कोलकाता से अलकतरा आना था, पर मंत्री व कंपनी के अफसरों ने साठगांठ कर सरकार को करोड़ों का चूना लगाया। सीबीआई ने जांच में पाया कि आरोपियों ने घोटाला किया है। इस मामले में 1996 में बरही थाने में दर्ज हुई थी।